
Vishnu Sahasranama: गुरुवार को करें भगवान विष्णु की आराधना, जानें विष्णु सहस्रनाम जाप और पीले वस्त्र धारण करने का महत्व
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन यदि कोई भक्त निष्ठापूर्वक विष्णु सहस्रनाम का जाप करे, पीले वस्त्र धारण करे और व्रत रखे, तो उस पर भगवान हरि की विशेष कृपा बरसती है। इससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनकर्ता कहा गया है। माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से उनके 1000 नामों का जाप करता है, उसके जीवन से दुख और बाधाएँ दूर होती हैं। विशेष रूप से वैशाख, कार्तिक और सावन मास में किया गया विष्णु सहस्रनाम जाप अत्यंत फलदायी होता है।
भगवान विष्णु की उत्पत्ति कथा
पौराणिक मान्यता और शिव पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु की उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव के शरीर से हुई थी। कहा जाता है कि जब सृष्टि के संचालन के लिए एक पालनकर्ता देवता की आवश्यकता पड़ी, तब भगवान शिव ने अपने वाम अंग से अमृत स्पर्श कराया, जिससे एक तेजस्वी पुरुष प्रकट हुए — वही थे भगवान विष्णु।
उनका तेज पूरे ब्रह्मांड में फैल गया और भगवान शिव ने उन्हें सृष्टि के संरक्षण का कार्य सौंपा। विष्णु जी ने शिव के आदेशानुसार गहन तप किया, जिसके प्रभाव से जल की उत्पत्ति हुई और उसी से सृष्टि की रचना आरंभ हुई।
क्षीरसागर में भगवान विष्णु का निवास
उपनिषदों में वर्णन है कि समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी प्रकट हुईं और उन्होंने भगवान विष्णु को अपना पति चुना। इसी कारण लक्ष्मी जी को धन, सौभाग्य और समृद्धि की देवी कहा गया है।
विष्णु-लक्ष्मी का यह दिव्य संगम क्षीरसागर में हुआ, जहाँ भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर विराजमान हैं। यही स्थान विष्णु निवासम के रूप में प्रसिद्ध है।
भगवान विष्णु के प्रमुख तीर्थों में से एक विष्णुप्रयाग (उत्तराखंड के चमोली ज़िले में) है। अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों के संगम पर स्थित यह स्थान विष्णु भक्तों के लिए आस्था का केंद्र माना जाता है।
प्रमुख विष्णु मंत्र (Vishnu Mantra)
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवाय
- ॐ विष्णवे नमः
- ॐ हूं विष्णवे नमः
- ॐ नमो नारायणाय
🙏 गुरुवार के दिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करने, पीले वस्त्र पहनने और व्रत रखने से भगवान हरि की कृपा प्राप्त होती है। यह साधना न केवल मन को शांति देती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है।

