नसों में ब्लॉकेज होने पर रक्त प्रवाह ठहर जाता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, थकान और सुन्नपन का खतरा बढ़ जाता है.

हमारे शरीर को एक नेटवर्क की तरह समझा जा सकता है, जिसमें खून की हर बूंद नसों के जरिए पूरे शरीर में पहुंचती है. अगर इन नसों में ब्लॉकेज हो जाता है तो यह रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है और सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. नसों में ब्लॉकेज के कारण हार्ट अटैक के साथ-साथ स्ट्रोक, थकान और अंगों में सुन्नपन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.

पैरों या हाथों में सुन्नपन: जब नसों में ब्लॉकेज होता है, तो खून का प्रवाह कम हो जाता है. इससे पैरों या हाथों में सुन्नपन और झनझनाहट महसूस होने लगती है. यह खासतौर पर चलने या लंबे समय तक बैठने के बाद महसूस होता है. अदरक की चाय पीना और हल्का व्यायाम करने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है.

सांस लेने में तकलीफ: जब नसों में ब्लॉकेज होती है, तो दिल को खून पंप करने में अधिक मेहनत की जानी पड़ती है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है. आंवले का रस और गुनगुना पानी नियमित रूप से पीना दिल को मजबूत बनाने में मददगार होता है।

सीने में दर्द या दबाव: अगर आपके सीने में अचानक दर्द या दबाव महसूस हो रहा है, तो इसका मतलब है कि आपकी नसों में ब्लॉकेज हो सकती है। इसे नजरअंदाज न करें और लहसुन को आहार में शामिल करें, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करके धमनियों को साफ करने में मदद कर सकता है।

थकान और कमजोरी: खून का सही तरीके से अंगों तक न पहुंचना शरीर को थका देता है. छोटी-सी गतिविधि के बाद भी थकान महसूस होना ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है. बादाम और अखरोट का सेवन नसों को हेल्दी रखने में फायदेमंद है.

पैरों में सूजन होने पर ब्लॉकेज के कारण खून और तरल पदार्थ पैरों में जम सकते हैं, जिससे सूजन उत्पन्न हो सकती है. रात को सोने से पहले गर्म पानी में नमक मिलाकर पैरों को डुबोना सूजन को कम करने में मददगार होता है।

चक्कर आना: नसों में ब्लॉकेज से दिमाग तक खून की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे चक्कर आना या ध्यान न लग पाना जैसी समस्याएं होती हैं.तुलसी की पत्तियां और शहद का मिश्रण सुबह खाली पेट लेने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है.