कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल की सीबीआई हिरासत तीन दिन के लिए बढ़ा दी गई है. सीबीआई ने अदालत को बताया कि दोनों पूछताछ में अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल की सीबीआई हिरासत तीन दिन के लिए बढ़ा दी गई है. सीबीआई ने अदालत को बताया कि दोनों पूछताछ में अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए उनकी हिरासत बढ़ाने की जरूरत है. जांच एजेंसी ने यह भी भी कहा कि उसे लेडी डॉक्टर के साथ गैंगरेप का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है.
सीबीआई के वकील ने कहा कि उनके अधिकारियों को अभी तक डॉक्टर के बलात्कार या हत्या में संदीप घोष और अभिजीत मंडल की कोई प्रत्यक्ष संलिप्तता साबित करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है. यह भी कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों ने डॉक्टर का शव बरामद होने वाले दिन कई बार एक-दूसरे से बात की थी. दोनों के कॉल डिटेल से सीबीआई को पता चला कि उन्होंने उस दिन कुछ खास नंबरों पर कई कॉल किए थे.
इसके बाद अदालत ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल की सीबीआई रिमांड अवधि तीन दिन और बढ़ाकर 20 सितंबर तक कर दी. सीबीआई ने कहा था कि ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ करने, एफआईआर दर्ज करने में देरी करने और अन्य आरोपों के लिए गिरफ्तार किया गया. सीबीआई अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं देने के बाद पुलिस अधिकारी को हिरासत में लिया गया.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले में संदीप घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था. सीबीआई के वकील ने कहा था, ”हमें लगता है कि इस अपराध के पीछे कोई बड़ी साजिश है. इस घटना की सूचना ताला थाने को सुबह 10 बजे मिली, लेकिन पुलिस अधिकारी 11 बजे मौके पर पहुंचे. एफआईआर रात 11:30 बजे के बाद दर्ज की गई. थाने के ओसी की उस दिन संदीप घोष से कई बार बातचीत हुई थी.”
कोर्ट में अभिजीत मंडल के वकील ने कहा थआ, ”मेरे मुवक्किल के खिलाफ धाराएं जमानती हैं. उन पर घटनास्थल पर देर से एफआईआर दर्ज करने जैसे आरोप हैं. इसके लिए उनके खिलाफ विभागीय जांच हो सकती है, लेकिन इस गलती के लिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. जब भी सीबीआई ने उन्हें नोटिस देकर बुलाया, उन्होंने पूरा पूरा सहयोग किया. मेरे मुवक्किल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इसके बावजूद वो दोबारा पेश हुए थे.”
इससे पहले इस केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय सहित चार जूनियर डॉक्टरों से सीबीआई ने पूछताछ की थी. इसके साथ ही कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर (उत्तर) अभिषेक गुप्ता और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) के डिप्टी कमिश्नर विदित राज भुंडेश से भी पूछताछ की गई. एक अधिकारी ने बताया कि हम पुलिस अधिकारियों से जानना चाह रहे थे कि उन्होंने इस केस की जांच किन बिंदुओं के आधार पर की थी. उनकी प्रक्रिया क्या रही थी.”
बताते चलें कि संदीप घोष के खिलाफ आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे में भ्रष्टाचार, निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद आदि जैसे आरोप लगाए गए थे. 19 अगस्त को उनके खिलाफ आईपीसी की 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया था.