Vegetable Pulses Rice Price: दाल-चावल, सब्जियों, दूध सभी के दाम में गिरावट आ सकती है और इसके पीछे का कारण बड़ा सीधा है. अगर आप अभी तक अंदाजा नहीं लगा पाए तो कोई बात नहीं- यहां जानिए बड़ी वजह…..
Monsoon Effect: भारत ऐसा देश है जहां कृषि अभी भी बहुत हद तक मानसून के ऊपर निर्भर करती है. हर साल देश में मानसून को लेकर भविष्यवाणी और अनुमानों के आधार पर खाने-पीने के सामान के दाम भी ऊपर-नीचे होते रहते हैं. इस साल की बात करें तो भारत में इस साल 13 सितंबर तक लंबी अवधि के औसत से 8 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. अब इस खबर में आपके लिए क्या अच्छी बात है ये जानकर आपको खुशी होगी.
सब्जियों और दूध की औसत रिटेल कीमतों में आएगी कमी-ग्राहकों को मिलेगी राहत
सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि भारत में अच्छे मानसून के चलते आने वाले समय में सब्जियों और दूध की औसत रिटेल कीमतों में नरमी देखने को मिल सकती है. इसके पीछे जो कारण बताया गया है वो भी आपको तर्कसंगत लग सकता है क्योंकि देश में बारिश के आधार पर सालों से हम सब्जियों-फलों और दूसरे और संबंधित खाद्य उत्पादों की कीमतों में बदलाव देखते आ रहे हैं.
किसने निकाली रिपोर्ट जोमानसून के आधार पर देख रही महंगाई घटने की उम्मीद
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की ओर से जारी रिपोर्ट में ये बताया गया कि इस सीजन में सभी मुख्य फसलों की अच्छी बुआई देखने को मिली है. इस साल 6 सितंबर तक कुल 109.2 मिलियन हेक्टेयर्स क्षेत्र में बुआई हुई है. इसमें पिछले साल के मुकाबले सालाना आधार पर 2 फीसदी बुआई की बढ़त देखने को मिली है. बुआई का कुल क्षेत्रफल सामान्य बुआई क्षेत्रफल का 99 फीसदी है, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 98 फीसदी था. जाहिर है ज्यादा बुआई-ज्यादा फसल यानी डिमांड-सप्लाई के फॉर्मूले के आधार पर देखें तो मांग से ज्यादा सप्लाई रहने के कारण आगे चलकर इन खाने-पीने के सामान के दाम कम हो सकते हैं. इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स में छपी खबर में एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है.
रिपोर्ट में ये भी सूचना दी गई है कि भारत में अब बुआई करीब-करीब पूरी हो चुकी है. देखें अभी तक के आंकड़े
- चावल की 41 मिलियन हेक्टेयर्स
- दालों की 12.6 मिलियन हेक्टेयर्स
- मोटे अनाज की 18.9 मिलियन हेक्टेयर्स
- तिलहन की 19.2 मिलियन हेक्टेयर्स
रिपोर्ट में बताया गया कि अब फोकस फसल कटाई सीजन की तरफ शिफ्ट हो गया है. ज्यादा सप्लाई होने की वजह से कीमतों में हाल में कमी देखने को मिली और कीमतें कुछ समय के लिए यहां स्थिर रह सकती हैं. इस साल खरीफ की फसल का बुआई क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले 2.2 फीसदी बढ़ा है तो आगे चलकर अच्छी कटाई की भी उम्मीद है. जब तक बाजार में नई आपूर्ति नहीं आ जाती है तब तक ही कीमतों में कुछ तेजी देखी जाने की संभावना है, लेकिन उसके बाद ये स्थिति बदल सकती है.
इस साल मानसूनी बारिश-वर्षा का कैसा रहा हाल
अब तक संयुक्त रूप से मिलाकर देशभर में 817.9 मिलीमीटर बारिश हुई है, पिछले साल यह आंकड़ा 684.6 मिलीमीटर था. देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अच्छी बारिश हुई है. इसके कारण बांधों में मौजूद जल भंडार में इजाफा देखने को मिला है. जाहिर तौर पर अच्छी बारिश के चलते दालों, तिलहन और दालों की अच्छी बुआई को सपोर्ट मिला है. खास तौर पर चावल की बुआई को भरपूर सहारा मिला है.