Myanmar Civil War China PLA: म्यांमार में गृहयुद्ध के चलते हालात खराब हैं. ऐसे समय में चीनी सेना ने म्यांमार की सीमा पर अपनी सेना और एयरफोर्स को तैनात कर दिया है.
Myanmar Civil War China PLA: चीनी सेना ने बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को म्यांमार की सीमा पर तैनात कर दिया है. इस बात का ऐलान खुद चीन ने आज (26 अगस्त) किया. पीएलए (People’s Liberation Army ) का कहना है कि उसने सेना की टुकड़ियों और ज्वाइंट ग्राउंड पुलिस गश्ती दल को साउथवेस्ट यून्नान में तैनात कर दिया है. सबसे खास बात तो ये हैं कि चीन का यह इलाका म्यांमार से सटा हुआ है.
चीनी सेना ने म्यांमार की सीमा पर यह गश्त ऐसे समय लगानी शुरू की है, जब म्यांमार में गृहयुद्ध के चलते हालात खराब है. आशंका तो यह भी जताई जा रही है कि कहीं म्यांमार में भी बांग्लादेश की तरह तख्तापलट ना हो जाए.
साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार चीनी सेना रुईली और झेनकांग इलाके पर पहुंची हुई है और उसका उद्देश्य तेजी से सेना की तैनाती की क्षमता को बढ़ान, त्रिकोणीय घेराबंदी करना और मुख्य रूप से लड़ाई की ट्रेनिंग करना है.

म्यांमार की हालत चीन की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
इस ट्रेनिंग से देश की सीमाई इलाके में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहेगी, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि चीनी सैनिक यह परीक्षण उस समय कर रहे हैं जब म्यांमार में कई महीनो से गृहयुद्ध जारी है.
म्यांमार में सत्ता पर बैठी सेना को देश के एक बड़े इलाके को गवना पड़ा. यही कारण है कि पीएलए को इस बात का डर है कि म्यांमार की हालत चीन की सिक्योरिटी के लिए भी बड़ा खतरा बन सकती है.
म्यांमार से होकर गुजरता है हिंद महासागर का रास्ता
चीन के लिए म्यांमार खतरा इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि हिंद महासागर में दाखिल होने का रास्ता म्यांमार से होकर गुजरता है, जहां की अस्थिरता चीन के लिए सिरदर्द बन गई है. ठीक इसी तरह चीन की सेना ने अप्रैल महीने में भी म्यांमार के बॉर्डर पर लाइव फायर ड्रिल की थी.
इस फायर ड्रिल के अभ्यास के दौरान पीएलए ने जोर देते हुए इस बात का जिक्र किया था कि म्यांमार में चल रहे युद्ध से बॉर्डर के इलाकों में बड़ा खतरा मंडरा रहा है, जिससे अस्थिरता पैदा हो गई है.
क्या सेना और विद्रोहियों को हथियार सप्लाई कर रहे चीन?
मलक्का स्ट्रेट चोक प्वाइंट से चीन अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. इसी कारण से वह म्यांमार के रास्ते हिंद महासागर में प्रवेश कर रहा है ताकि आसानी से तेल की आयत हो सके. इसके पहले चीन की ओर से यह भी कोशिश की गई थी कि विद्रोहियों और सेना के बीच समझौता कर के विवाद को खत्म कर दिया जाए.
चीन का कहना था कि वह देश में स्थिरता लाना चाहता है. हालांकि, कई विश्लेषकों ने यह दावा किया था कि चीन विद्रोहियों और सेना दोनों को हथियार सप्लाई कर रहा है, जिसके चलते म्यांमार में हिंसा विकराल रूप ले रही है. वहीं अमेरिका अभी इस इलाके में अपनी नजर टिकाए हुए हैं.