Thursday, November 7, 2024
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OBC Certificate: कलकत्ता हाई कोर्ट से ममता सरकार को बड़ा झटका, रद्द किए 2011 के बाद से बने 5 लाख OBC प्रमाण पत्र

OBC Certificate: कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथा की डिवीजन बेंच ने एक जनहित याचिका लगी थी, जिसमें ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए थे.

OBC Certificate: कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार (22 मई) को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका दिया है. हाई कोर्ट ने 2011 के बाद से अब तक जारी किए गए करीब 5 लाख ओबीसी (OBC) प्रमाण पत्र रद्द करने का फैसला किया है. अब ओबीसी प्रमाण पत्र से नौकरी के आवेदनों में भी मान्यता नहीं होगी.

एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले के मुताबिक हाई कोर्ट ने साल 2011 के बाद से जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रमाण पत्रों को रद्द करने का आदेश दिया है. बता दें कि इस फैसले के कई दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं.

आदेश में हाई कोर्ट ने क्या कहा?

कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथा की डिवीजन बेंच ने बुधवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई पर ये फैसला सुनाया. इस जनहित याचिका में ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए थे. इस मामले में कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि ओबीसी प्रमाण पत्र 1993 के एक्ट के तहत बने पश्चिम बंगाल पिछड़ा आयोग के हिसाब से तय प्रक्रियाओं के तहत ही बनाए जाएं.

तुष्टीकरण की राजनीति को बड़ा झटका- बीजेपी

हाई कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ”ममता बनर्जी की तुष्टीकरण की राजनीति को एक और झटका लगा है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने ओबीसी की उप श्रेणी में मुस्लिमों का आरक्षण खत्म कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने 2010 से 2024 के बीच जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाण पत्रों को भी रद्द कर दिया है. इस दौरान जिन लोगों को भर्ती कराया गया है, अगर वे अपनी नौकरी बरकरार रखने में कामयाब होते हैं तो वे किसी भी अन्य लाभ के हकदार नहीं होंगे.”OBC Certificate: कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार (22 मई) को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका दिया है. हाई कोर्ट ने 2011 के बाद से अब तक जारी किए गए करीब 5 लाख ओबीसी (OBC) प्रमाण पत्र रद्द करने का फैसला किया है. अब ओबीसी प्रमाण पत्र से नौकरी के आवेदनों में भी मान्यता नहीं होगी.

एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले के मुताबिक हाई कोर्ट ने साल 2011 के बाद से जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रमाण पत्रों को रद्द करने का आदेश दिया है. बता दें कि इस फैसले के कई दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं.

आदेश में हाई कोर्ट ने क्या कहा?

कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथा की डिवीजन बेंच ने बुधवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई पर ये फैसला सुनाया. इस जनहित याचिका में ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए थे. इस मामले में कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि ओबीसी प्रमाण पत्र 1993 के एक्ट के तहत बने पश्चिम बंगाल पिछड़ा आयोग के हिसाब से तय प्रक्रियाओं के तहत ही बनाए जाएं.

तुष्टीकरण की राजनीति को बड़ा झटका- बीजेपी

हाई कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ”ममता बनर्जी की तुष्टीकरण की राजनीति को एक और झटका लगा है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने ओबीसी की उप श्रेणी में मुस्लिमों का आरक्षण खत्म कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने 2010 से 2024 के बीच जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाण पत्रों को भी रद्द कर दिया है. इस दौरान जिन लोगों को भर्ती कराया गया है, अगर वे अपनी नौकरी बरकरार रखने में कामयाब होते हैं तो वे किसी भी अन्य लाभ के हकदार नहीं होंगे.”

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