Israel Iran War: ईरान के पास फोर्डो, नैटंज और कौम (QOM) में अंडरग्राउंड यूरेनियम का भंडार है. कई रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया है कि उसके पास इतना यूरेनियम है कि वह 12 परमाणु बम बना सकता है.
Israel Iran War News: ईरानी हमले (Irani Attacks Israel) के बाद अब इजरायल क्या करेगा, उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी? इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं. 13 अप्रैल को ईरान ने 300 से ज्यादा किलर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल से लेकर क्रूज मिसाइलें इजरायल पर बरसाईं तो इजरायल धमाकों से गूंज उठा. हालांकि, इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) का कहना है कि उसने 99 फीसदी मिसाइलों को मार गिराया, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जॉर्डन ने उसकी मदद की. ईरान के इस हमले का इजरायल किस तरह जवाब देगा, ये देखने वाली बात होगी क्योंकि देश के राजनेताओं का कहना है कि इसका तुरंत जवाब नहीं दिया जाएगा. बल्कि सही समय का इंतजार है. हालांकि, इजरायली सेना की यूएस और साइप्रस के साथ ज्वॉइंट ड्रिल और बेंजामिन नेतन्याहू (Israelis PM Benjamin Netanyahu) के एयर बेस दौरों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह बदला लेने की तैयारी में है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इजरायल बदला लेने के लिए ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है.
इजरायली सेना ने साइप्रस और अमेरिका के साथ ज्वॉइंट ड्रिल एक्सरसाइज की है, जिसे इरानी हमले के बदले के तौर पर देखा जा रहा है. इजरायली सेना के कोरेसपोंडेंट दोरोन कदोश ने एक इजरायली आर्मी रेडिय के जरिए बताया कि ड्रिल एक्सरसाइज में लंबी दूरी के हमलों का अभ्यास किया गया. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हाल ही में तेल नॉफ एयरबेस का दौरा किया है, जिसके बाद से बदले की कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है. ईरान के पास यूरेनियम का बड़ी तादाद में स्टॉक है इसलिए उसके यूरेनियम प्लांट इजरायल के लिए हमेशा से चिंता का विषय रहे हैं. यूरेनियम परमाणु बम बनाने के लिए सबसे अहम पदार्थ है. यूरेनियम से ही बम में विस्फोट चेन रिएक्शन होता है.
ईरान के पास 12 परमाणु बम बनाने जितना यूरेनियम मौजूद?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इरान के परमाणु ठिकाने इजरायल के रडार पर हैं. ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए सामान तैयार है. उसके पास पर्याप्त मात्रा में यूरेनियम है. संयुक्त राष्ट्र के वेपन ऑब्जर्वर ने जनवरी में चेतावनी दी थी कि ईरान के पास इतना यूरेनियम है कि वह 12 परमाणु बना सकता है. साथ ही मिरर की रिपोर्ट की में अमेरिकी साइंटिस्ट डेविड अलब्राइट ने भी बताया था कि ईरान 90 फीसद से ज्यादा यूरेनियम का संवर्धन कर चुका है.
इजरायल, अमेरिका और पश्चिमी देश ईरान के परमाणु बम बनाने की खिलाफत करते रहे हैं. इसे लेकर ईरान परमाणु समझौता भी हुआ है, जिसमें उस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. इजरायल इसे लेकर काफी सतर्क भी रहता है और पिछले कुछ सालों में वह ईरान के ठिकानों पर हमले भी कर चुका है. टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जून, 2022 में भी ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए इरजायली वायु सेना के दर्जनों जेट्स ने मेडिटेरियन सी में हमले किए थे. ये हमले भी साइप्रस में हुए थे. साल 2021 में इजरायली सेना के तत्कालीन चीफ ने कहा था कि इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए तैयारियां कर रहा है. इसके अलावा, हाल ही में ईरान के साथ तनाव के बीच इजरायल उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हवाई हमले कर चुका है.
कहां-कहां हैं ईरान के परमाणु ठिकाने?
ईरान के पास तीन अंडरग्राउंड यूरेनियम प्लांट्स (Uranium Enrichment Plants) हैं. ये प्लांसट्स फोर्डो, नैटंज और कौम (QOM) में हैं. इनके अलावा, रमसर, तेहरान और बोनाब में रिसर्च रिएक्टर्स फैसिलिटी हैं और इसफहान और बुशेर में यूरेनियम कंवर्जन प्लांट है. साथ ही एरिक में हेवी वॉटर रिएक्टर प्रोडक्शन प्लांट भी है. इजरायल, अमेरिका और पश्चिमी देश लगातार यह बात कहते रहे हैं कि ईरान यूरेनियम का शुद्धता के स्तर तक संवर्धन कर रहा है, जिसका इस्तेमाल वह परमाणु बम बनाने में कर सकता है.
इजरायल ने इराक के परमाणु रिएक्टर नष्ट करने कि लिए भी हमला किया था. जून, 1981 में ऑपरेशन ओपेरा के तहत इजरायली वायु सेना ने इराक के ओसरिक में उसके परमाणु ठिकानों पर हमला किया था. उस वक्त इराक में सद्दाम हुसैन का शासन था और सद्दाम ने न्यूक्लियर पावर बनाने के लिए 1970 में फ्रांस के साथ डील की और तामुज 1 और तामुज 2 बनाने पर काम शुरू हुआ. इजरायल को लगा कि अगर इराक यह बनाने में कामयाब हो गया तो भविष्य में ये उसके लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं इसलिए उसकी वायु सेना ने इराक के परमाणु रिएक्टर पर हवाई हमला कर दिया.
ईरान ने क्यों किया इजरायल पर हमला?
महीने की शुरुआत में सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमला हुआ था. इस हमले में दो ईरानी जनरलों की मौत हो गई थी. इसे लेकर कहा गया कि यह हमला इजरायल ने किया है, जिसके जवाब में 13 अप्रैल को ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दाग दीं. हालांकि, इजरायल ने यह बात स्वीकार नहीं की है कि ईरानी दूतावास पर हमले के पीछे वह है.