Friday, November 8, 2024
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US-China: न कोई महामारी, न हिंसा…फिर क्यों अमेरिका के लिए चीन को जारी करनी पड़ी ट्रैवल एडवाइजरी? समझें पूरा मामला

China Advisory for US: अमेरिका और चीन के बीच फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. इस बार एयरपोर्ट पर चीनी नागरिकों से होने वाली पूछताछ मुद्दा बनी है.

US-China Tension: अमेरिका और चीन के बीच टकराव की बात किसी से छिपी नहीं है. हालांकि, पिछले कुछ वक्त से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है, जिसका सीधा असर अमेरिका की यात्रा करने वाले चीनी नागरिकों पर दिख रहा है. यही वजह है कि अब चीन को उन लोगों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है, जो अमेरिका की यात्रा करने वाले हैं. उनसे कहा गया है कि वे तलाशी समेत सभी संभावित परेशानी भरे हालातों के लिए तैयार रहें.

दरअसल, चीन के विदेश मंत्रालय ने वीचैट अकाउंट पर अमेरिका से जुड़ी ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. चीनी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि चीनी छात्रों और कंपनी के कर्मचारियों के अमेरिका पहुंचने पर एयरपोर्ट अधिकारी उनसे बहुत ज्यादा पूछताछ कर रहे हैं. कहा ये भी जा रहा है कि चीनी नागरिकों को अमेरिकी एयरपोर्ट्स पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है. इसके बाद ही विदेश मंत्रालय की तरफ से ट्रैवल एडवाइजरी जारी की गई है, ताकि लोग सावधान रहें.

अमूमन ट्रैवल एडवाइजरी तभी जारी की जाती है, जब कोई महामारी हो या फिर किसी देश में हिंसा की संभावना हो. मगर चीन ने नागरिकों के साथ हो रहे बर्ताव से परेशान होकर ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. हालांकि, चीन अपने नागरिकों के साथ हो रहे बर्ताव से परेशान होकर ये कदम उठाने पर मजबूर हुआ है.

चीनी नागरिकों को दूतावास से कॉन्टैक्ट करने की मिली सलाह

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रैवल एडवाइजरी में कहा गया है कि जिन नागरिकों को अमेरिका में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वो तुरंत चीनी दूतावास या महावाणिज्य दूतावास से कॉन्टैक्ट करें. हाल ही में बायोलॉजिकल साइंस में पीएचडी करने वाली एक चीनी छात्रा को पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचने पर डिपोर्ट कर दिया गया. उसके पूरे शरीर की जांच की गई और 12 घंटे तक एकांत में रखा गया. इस तरह की घटना कई चीनी छात्रों के साथ हुई है.

अमेरिका दिखा रहा शीत युद्ध की मानसिकता: चीन

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान को बाधित करने के लिए अमेरिका की आलोचना की. उन्होंने अमेरिका की हरकत को शीत युद्ध की मानसिकता करार दिया. इसी तरह से मंत्रालय के एक और प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमेरिका पर एकेडमिक रिसर्च और हथियार बनाने और द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डालने का आरोप लगाया.

जिनपिंग ने अमेरिकी छात्रों के लिए बनाई योजना

भले ही दोनों मुल्कों के बीच तनाव है, लेकिन फिर भी चीन और अमेरिका ने एजुकेशन और कल्चरल आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में दिलचस्पी दिखाई है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नवंबर में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अगले पांच सालों में 50 हजार अमेरिकियों को चीन में पढ़ने के लिए बुलावा देने की योजना का ऐलान किया. चीन ने अमेरिका के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज और दोनों देशों की यूनिवर्सिटीज के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए भी बात की है.

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