नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार की सैन्य रणनीति और कथित ‘राजनीतिक कमजोरी’ को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह कोई निर्णायक युद्ध नहीं था, बल्कि “30 मिनट में राजनीतिक आत्मसमर्पण” जैसा कदम था। राहुल गांधी ने कहा, “अब आइए ऑपरेशन सिंदूर की बात करते हैं। मैंने कल राजनाथ सिंह का भाषण बहुत ध्यान से सुना। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सुबह 1:05 बजे शुरू हुआ और 22 मिनट चला। फिर उन्होंने सबसे चौंकाने वाली बात कही—कि 1:35 बजे भारत ने पाकिस्तान को फोन किया और बताया कि हमने सिर्फ गैर-सैन्य ठिकानों पर हमला किया है और तनाव नहीं बढ़ाना चाहते।” राहुल ने आरोप लगाया कि सरकार ने आधी रात को ही डीजीएमओ को युद्धविराम की पहल के निर्देश दे दिए थे। उन्होंने कहा, आपने सीधे पाकिस्तान को अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति बता दी कि आपके पास लड़ने की मंशा नहीं है। आप सिर्फ दिखावा कर रहे थे। विपक्ष के नेता ने सवाल खड़ा किया कि अगर सरकार में वाकई दृढ़ इच्छाशक्ति होती तो कार्रवाई के तुरंत बाद ही शांति की बात क्यों की गई? उन्होंने कहा-देश के सैनिकों की वीरता को सलाम, लेकिन नेताओं की कायरता पर सवाल जरूरी है।” राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर की तुलना 1971 के युद्ध से करते हुए कहा कि उस समय इंदिरा गांधी ने सेना को पूरी रणनीतिक स्वतंत्रता दी थी और अमेरिका के सातवें बेड़े के दबाव में आए बिना पाकिस्तान को ऐतिहासिक हार दी थी। उन्होंने कहा, “1971 में 1 लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था, और आज 30 मिनट में हमने ही आत्मसमर्पण जैसा संदेश भेज दिया।” राहुल के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा हुआ और कई सांसदों ने आपत्ति दर्ज कराई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जवाब का इंतजार किया जा रहा है।

लोकसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की रणनीति और राजनीतिक इच्छाशक्ति पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किसी भी सैन्य कार्रवाई के लिए “पूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति और कार्रवाई की स्वतंत्रता” होना जरूरी है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार ने पाकिस्तान को फोन कर यह बता दिया कि वह तनाव नहीं बढ़ाना चाहती।
राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक दिन पहले दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा, “राजनाथ सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर सुबह 1:05 बजे शुरू हुआ और 22 मिनट तक चला। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि रात 1:35 बजे भारत सरकार ने पाकिस्तान को फोन कर सूचित किया कि हमने केवल गैर-सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है और हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते।”
उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से यह संदेश गया कि भारत के पास लड़ाई की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है। राहुल ने सवाल उठाया, “क्या यह सैन्य कार्रवाई थी या महज़ एक संदेश?”