
नेल पॉलिश और स्किन कैंसर: क्या है सच?
नेल पेंट महिलाओं के श्रृंगार का अहम हिस्सा बन चुका है। यह न सिर्फ खूबसूरती बढ़ाने का जरिया है, बल्कि फैशन और पर्सनालिटी को निखारने का भी तरीका माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नेल पेंट से आपकी सेहत पर भी असर पड़ सकता है? खासकर स्किन कैंसर का खतरा—क्या यह सच है या केवल एक अफवाह?
हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, कई नेल पॉलिश में ऐसे केमिकल्स होते हैं जैसे फॉर्मल्डिहाइड, टोेल्यून और डिब्यूटाइल फ्थेलेट, जिन्हें कैंसर से जोड़कर देखा जाता है। बार-बार नेल पेंट लगाने और रिमूवर से हटाने पर ये केमिकल्स आपकी त्वचा में जाकर अवशोषित हो सकते हैं, जिससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सैन डिएगो के शोधकर्ताओं ने भी बताया है कि UV लाइट से बने नेल पॉलिश के लगातार उपयोग से त्वचा की कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ता है। उनके प्रयोग में पाया गया कि सिर्फ 20 मिनट की UV एक्सपोजर में 20-30% सेल्स नष्ट हो जाती हैं, और लगातार एक्सपोजर से यह संख्या 60-70% तक पहुंच जाती है। साथ ही DNA में ऐसे बदलाव होते हैं जो स्किन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
सावधानी कैसे बरतें?
एक्सपर्ट्स की सलाह है कि रोजाना नेल पेंट लगाने से बचना चाहिए और महीने में कम से कम एक-दो हफ्ते नाखूनों को आराम देना चाहिए। यदि रोजाना नेल पेंट लगाना जरूरी हो तो ट्रांसपेरेंट या कम केमिकल वाले विकल्प चुनें। एक अध्ययन के मुताबिक, जेल मैनिक्योर में इस्तेमाल होने वाले UV लैंप्स से स्किन कैंसर का खतरा हो सकता है, लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह प्रमाणित नहीं किया गया है। हालांकि, लगातार लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से जोखिम बढ़ सकता है।
गर्भावस्था के दौरान नेल पॉलिश का उपयोग करते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और इसे मुंह से दूर रखना चाहिए क्योंकि इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही छोटे बच्चों को नेल पेंट से दूर रखना जरूरी है। जिनकी त्वचा संवेदनशील हो, परिवार में कैंसर का इतिहास हो या जो अक्सर जेल पॉलिश और UV लैंप का इस्तेमाल करते हों, उन्हें अधिक सतर्क रहना चाहिए।