
मेजर ऋषभ सिंह संब्याल, जो भारतीय सेना की पैरास्पेशल फोर्स के बहादुर अधिकारी हैं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के एड-डी-कैम्प (Aide-de-Camp – ADC) के रूप में हमेशा उनके साथ रहते हैं। यह वर्दीधारी अधिकारी राष्ट्रपति के साथ मंचों पर, आधिकारिक समारोहों में और उनके दौरे के दौरान निरंतर मौजूद रहते हैं। मेजर ऋषभ जम्मू के डोगरा राजपूत परिवार से आते हैं और उन्होंने 2021 में गणतंत्र दिवस परेड में जाट रेजिमेंट की टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए खास पहचान बनाई थी। उस परेड में उनकी टुकड़ी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने “सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी ट्रॉफी” से सम्मानित किया था, जिससे उनका नाम पूरे देश में चर्चित हो गया।
एडीसी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है, जिसमें राष्ट्रपति के कार्यक्रमों का समन्वय करना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना और यात्रा व्यवस्थाओं का प्रबंधन करना शामिल है। मेजर ऋषभ की यह जिम्मेदारी न केवल उनके कर्तव्य का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय सेना किस स्तर के प्रशिक्षित और भरोसेमंद अधिकारियों को इस भूमिका के लिए चुनती है। पैरास्पेशल फोर्स से आने के कारण उनकी योग्यता और साहस की भी खास पहचान है, क्योंकि यह सेना की सबसे चुनौतीपूर्ण इकाइयों में से एक है।
हालांकि मेजर ऋषभ का कोई व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है, फिर भी उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। उनकी सादगी और समर्पण ने उन्हें लोगों के बीच एक खास मुकाम दिलाया है।
जहां तक उनकी सैलरी का सवाल है, भारतीय सेना में मेजर रैंक के अधिकारियों की मासिक तनख्वाह लगभग 69,400 रुपये से लेकर 2,07,200 रुपये तक होती है। इसके अतिरिक्त, उन्हें भत्ते, राशन, आवास सुविधा और अन्य कई सैन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं, जो उनके जीवन को सम्मानजनक और सुविधाजनक बनाते हैं। कुल मिलाकर, मेजर ऋषभ सिंह संब्याल की सेवा न केवल देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि उन्हें एक सम्मानित और सुरक्षित जीवन भी प्रदान करती है।