एयर इंडिया एक्सप्रेस: एविएशन नियमों के अनुसार, किसी भी यात्री के लिए कॉकपिट में प्रवेश करने की कोशिश करना या फिर दरवाजा खोलना गंभीर अपराध है।

एयर इंडिया एक्सप्रेस की सुरक्षा: बेंगलुरु से वाराणसी जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में सोमवार को अजीब स्थिति उत्पन्न हुई जब एक यात्री ने कॉकपिट का दरवाजा खोलने की कोशिश की. हालांकि दरवाजे में लगे पासकोड सिस्टम के कारण वह इसमें सफल नहीं हो पाया.
यात्री ने कॉकपिट डोर को शौचालय समझकर खोलने की गलती की थी?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उस यात्री ने दावा किया कि वह शौचालय ढूंढ रहा था और गलती से कॉकपिट डोर खोलने पहुंच गया. लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने इसे गंभीर मामला माना है. खबरों के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस उस यात्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है. यात्री को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला जा सकता है. उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी संभव है.
एविएशन नियमों के अनुसार, किसी भी यात्री द्वारा कॉकपिट के अंदर प्रवेश की कोशिश करना या फिर दरवाजा खोलना गंभीर अपराध है. सूत्रों के मुताबिक, यात्री ने दरवाजा खोलने के लिए कई पासकोड डाले, लेकिन सब गलत निकले. यात्रियों को सौंपा गया सुरक्षा अधिकारियों को लैंडिंग के बाद उस यात्री के साथ उसके आठ अन्य साथियों को भी वाराणसी एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया गया.
कॉकपिट डोर खोलना गंभीर अपराध
एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने बताया कि एयरलाइन इस घटना के बारे में अच्छे से जानकार है। किसी भी तरह के सुरक्षा समझौते नहीं किए गए हैं और लैंडिंग के बाद मामले की जानकारी संबंधित अथॉरिटीज को दी गई है। पूरी घटना की गहन जांच जारी है।
रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि इस घटना को डीजीसीए की तरफ से सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (सीएआर) के लेवल 3 की अपराध श्रेणी में रखा जा रहा है। इस श्रेणी में जीवन को नुकसान पहुंचाने, एयरक्राफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम को डैमेज करने और शारीरिक हिंसा शामिल है। ऐसे अपराध के मामले में कम से कम दो साल की सजा का प्रावधान है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना को डीजीसीए (DGCA) की तरफ से जारी सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CAR) की लेवल-3 अपराध श्रेणी में रखा जा रहा है। लेवल-3 अपराध की श्रेणी में शामिल हैं: किसी की जिंदगी को नुकसान पहुंचाना, एयरक्राफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम को नुकसान पहुंचाना, शारीरिक हिंसा करना। इस तरह के अपराध में कम से कम दो साल की कैद की सजा का प्रावधान है।