Kushinagar Latest News: कुशीनगर पुलिस की साइबर टीम ने लोगों के साथ हो रहे साइबर फ्रॉड का खुलासा किया है. गिरफ्तार हुए तीन आरोपियों के पास से सात लाख रुपये के उपकरण बरामद हुई है.
Kushinagar Crime News: कुशीनगर पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले अंतरराज्यीय गैंग का खुलासा किया है. ये गैंग आम लोगों से मोटी रकम लेकर फर्जी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनाते थे. एक अभियान के तहत पुलिस ने इन जालसाजों को तरयासुजान थाना क्षेत्र के अहिरौली दान मोड़ के पास से गिरफ्तार किया.
कुशीनगर पुलिस की साइबर टीम ने लोगों के साथ हो रहे साइबर फ्रॉड का खुलासा किया है. तरयासुजान थाना क्षेत्र के अंतर्गत अहिरौली दान के पास से अंतरराज्यीय गैंग का मास्टरमाइंड रोहित कुमार के साथ उसके दो साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार की. इसके पास से लगभग सात लाख रुपये की उपकरण बरामद हुई है.
10 फर्जी सीम बरामद
बताया जा रहा है कि ये गैंग भोले भाले जनता को अपने झांसे में लेकर साइबर धोखाधड़ी कर आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र में टेम्परिंग कर समय दिनांक बदलकर फर्जी मोहरों का प्रयोग कर धनोपार्जन करते थे. इस गैंग में शामिल तीन अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनके पास से अर्जित अवैध धन 1 लाख पांच सौ रुपये और साइबर अपराध में प्रयुक्त दो लैपटॉप, 06 कूटरचित जन्म प्रमाण पत्र, 10 फर्जी एयरटेल का सिम, 10 फर्जी मोहर, एक मोटरसाइकिल आदि समान हुए बरामद किए गए हैं.
ऐसे करते थे फ्रॉड का काम
पुलिस के अनुसार यह संगठित गिरोह बिहार प्रान्त के भोरे थाना क्षेत्र के रहने वाला नीरज प्रसाद और झारखंड राज्य के रहने वाला डाकघर कर्मचारी दीपक कुमार इस गिरोह में मिलकर काम करते थे. गिरोह का सदस्य नीरज कुमार आधार एनरोलमेंट पर दीपक कुमार के आईडी से काम करता था. लोगों के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया सरकारी तौर पर भारतीय डाकघर के तरफ से भी होता है. ये लोग भिन्न भिन्न सरकारी कर्मचारी की आईडी का प्रयोग करते हैं. ये कई राज्यों जिलों के लोगों के साथ फ्रॉड करते हैं.
सरकारी कर्मचारी के आईडी से करते थे गलत काम
इनकी तरफ से साइबर फर्जीवाड़ा आपराधिक कृत्य पांच सौ से ऊपर कूटरचित फर्जी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनाया जा चुका है. लोगों से लाखों रूपते अर्जित कर चुका हैं. इसी कूटरचित जन्म प्रमाण पत्र का प्रयोग करके एनरोलमेंट का नंबर तैयार कर तुरंत दे देते थे. एनरोलमेंट के 72 घंटे के बाद आधार जनरेट होता है. परंतु इस गैंग से सदस्य 72 घंटे पहले ही डेटा सिंक करके अपने उद्देश्य को पूरा कर लेते थे. अब ये गैंग सलाखों के पीछे है. खुलासा करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक अभिनव त्यागी ने बताया कि नकली आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का खुलासा हुआ है. झारखंड के रहने वाले सरकारी कर्मचारी दीपक कुमार के आईडी से मिली भगत कर फर्जीवाड़ा का काम करते थे.