Election 2024: कांग्रेस के अधिकांश बड़े नेता इस बार लोकसभा चुनाव के दंगल में उतरने से कतरा रहे हैं. पार्टी देश के माहौल को देखकर उन्हे चुनाव लड़वाना चाहती है, लेकिन वो पीछे हटते नजर आ रहे हैं.
Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की बिसात पूरी तरह से बिछ चुकी है. बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए अपने 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर चुकी है. अब सबकी नजरें कांग्रेस पार्टी की कैंडिडेट लिस्ट पर टिकी हैं.
दरअसल, कांग्रेस पार्टी अपने बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहती है, लेकिन तमाम राज्यों के उसके बड़े चेहरे चुनावी मैदान से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं. इस लिस्ट में प्रियंका गांधी से लेकर पीएल पुनिया तक शामिल हैं.
दूसरी तरफ देखा जाए तो कांग्रेस के कुछ बड़े चेहरे लड़ाई लड़ने को चुनावी दंगल में नजर भी आ रहे हैं. बात छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करें तो उनको राजनांदगांव सीट से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.
कर्नाटक के मंत्रियों को भी मिल सकता है टिकट
इसके अलावा पश्चिम बंगाल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली चुनाव लड़ने वाले नेताओं की संभावित सूची में शामिल हैं. उधर, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ज्यादातर बड़े नेता मंत्रिमंडल में हैं और वो लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. इनकी एक लंबी फेहरिस्त भी है जिनमें ये नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं:-
- प्रियंका गांधी : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लोकसभा चुनाव लड़ने पर सस्पेंस बना हुआ है. यूपी विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही प्रियंका गांधी की राजनीतिक सक्रियता सीमित है. सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने के बाद रायबरेली सीट खाली है, लेकिन प्रियंका गांधी की तरफ से अभी तक चुनाव लड़ने को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है.
- मल्लिकार्जुन खरगे : कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पिछली बार कर्नाटक के गुलबर्ग से लोकसभा चुनाव हार गए थे. अब राज्यसभा में नेता विपक्ष हैं. लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसकी बड़ी वजह कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी जिम्मेवारी और 80 पार की उम्र है.
- अशोक गहलोत : सक्रिय नजर आ रहे हैं, लेकिन चुनाव लड़ना तय नहीं. बेटा वैभव गहलोत अपनी पुरानी सीट जोधपुर की बजाय जालौर से उतरने की तैयारी कर रहे हैं.
- सचिन पायलट : सचिन को पार्टी लोकसभा लड़ाना चाहती है, लेकिन वो अब छत्तीसगढ़ के प्रभारी भी हैं ऐसे में उनके लड़ने की संभावना कम है.
- टी एस सिंह देव : छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, लेकिन निजी कारणों से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते. बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है.
- दिग्विजय सिंह : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद हैं और लोकसभा चुनाव लड़ते नहीं दिख रहे. पिछला लोकसभा चुनाव भोपाल से हार गए थे.
- कमलनाथ : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की लोकसभा सीट छिंदवाड़ा से उनके बेटे नकुलनाथ सांसद हैं. ऐसे में कमलनाथ का चुनाव लड़ना मुश्किल नजर आ रहा है.
- प्रमोद तिवारी : यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्यसभा में पार्टी के उप नेता हैं. पार्टी की इच्छा के बावजूद प्रमोद तिवारी लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं.
- पीएल पुनिया : यूपी कांग्रेस के दलित चेहरे पीएल पुनिया बाराबंकी से अपने बेटे तनुज पुनिया को लड़वाना चाहते हैं.
- भूपिंदर सिंह हुड्डा : हरियाणा में नेता विपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे; इस बार लड़ने के मूड में नहीं हैं. उनके बेटे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
- कुमारी शैलजा : हरियाणा की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा लोकसभा की बजाय कुछ महीनों के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरना चाहती हैं.
- रणदीप सुरजेवाला : राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के भी लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है.
केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी
वहीं, पंजाब और केरल की राजनीति की बात करें तो वहां पर कांग्रेस मजबूत स्थिति में है और बीजेपी से सीधा मुकाबला नहीं है. इन राज्यों में ज्यादातर बड़े नेता चुनाव लड़ने के लिए कतार में हैं. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. राहुल गांधी खुद केरल की वायनाड सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ने वाले हैं. इस सीट पर राहुल गांधी को सीपीआई को चुनौती देनी है.