
Shardiya Navratri 2025: इस साल अद्भुत संयोग, 9 नहीं 10 दिन चलेगी नवरात्रि — मां चंद्रघंटा की दो दिनों तक होगी पूजा
शारदीय नवरात्रि 2025 इस बार खास खगोलीय और पंचांगीय संयोगों के कारण 9 नहीं बल्कि पूरे 10 दिनों तक मनाई जाएगी। इसका कारण है तृतीया तिथि का दो दिन तक रहना, जिसके चलते मां चंद्रघंटा की पूजा इस वर्ष 24 और 25 सितंबर दोनों दिन की जाएगी।
क्यों 10 दिन की होगी नवरात्रि?
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास (निदेशक, पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान, जयपुर-जोधपुर) के अनुसार, इस बार पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि दो दिनों तक रहेगी। इससे नवरात्रि का तीसरा दिन यानी मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन दो दिन तक मनाया जाएगा। इससे पहले ऐसा अद्भुत संयोग वर्ष 1998 में बना था, जब चतुर्थी तिथि दो दिन तक रही थी और मां कूष्मांडा की पूजा दो दिनों तक हुई थी। इसके अलावा 2016 में प्रतिपदा दो दिन होने के कारण नवरात्रि भी 10 दिन की रही थी। वहीं 2021 में तिथि क्षय के कारण नवरात्रि केवल 8 दिन की हुई थी।
24 और 25 सितंबर को मां चंद्रघंटा की विशेष आराधना
इस साल 24 और 25 सितंबर दोनों ही दिन तृतीया तिथि होने के कारण मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप — मां चंद्रघंटा — की पूजा की जाएगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है — शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। 10वें दिन विजयदशमी या दशहरा मनाया जाता है, जो इस वर्ष 2 अक्टूबर 2025 को होगा।
मां चंद्रघंटा: स्वरूप और महत्व
मां चंद्रघंटा, देवी पार्वती का तीसरा स्वरूप मानी जाती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव से विवाह के पश्चात देवी पार्वती ने अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण किया, जिसके कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाने लगा। उनका वाहन बाघ है, और वे आठ भुजाओं में शस्त्र और आशीर्वाद की मुद्राएं धारण करती हैं।
इनके दाहिने हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल तथा बाएं हाथों में कमल, धनुष, बाण और जपमाला होती है। एक हाथ वरमुद्रा और एक अभयमुद्रा में होता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं और अपने भक्तों के दुख, शत्रु व विघ्नों का नाश करती हैं।