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Thursday, September 25, 2025
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घर में कितना नकद रखना है जायज़? जानें सरकार की तयशुदा लिमिट

आजकल डिजिटलीकरण के युग में हर चीज़ ऑनलाइन होने लगी है। शॉपिंग से लेकर पेमेंट तक का सभी काम एक क्लिक में हो जाता है। हालांकि, अब भी कई लोग लेन-देन के लिए नकदी को प्राथमिकता देते हैं।

जमाना भले ही डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है. शॉपिंग से लेकर पेमेंट तक ऑनलाइन होने लगे हैं, लेकिन आज भी कई लोग घरों में कैश रखते हैं और लेन-देन के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. अब कई बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापामारी की भी खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसे में मन में इस सवाल का उठना लाजिमी है कि घर पर कानूनी तौर पर कितना कैश रख सकते हैं. आइए जानते हैं कि कानून इस बारे में क्या कहता है? 

क्या कैश रखने की भी है कोई लिमिट? 

सबसे पहला जरूरी सवाल यह है कि क्या घर में कानूनी तौर पर कैश रखने की कोई लिमिट है? इस सवाल के जवाब में आपको बता दें कि इनकम टैक्स डिपाटमेंट ने घर में कैश रखने की कोई लिमिट नहीं तय की है. चाहे रकम छोटी हो या बड़ी, कैश रखना कहीं से भी गैर-कानूनी नहीं है. शर्त बस इतनी सी है कि इनकम का कोई न कोई वैध सोर्स होना चाहिए. अगर आपने यह साबित कर दिया कि घर में रखा हुआ पैसा आपकी सैलरी या बिजनेस से कमाई गई रकम है या किसी लीगल ट्रांजैक्शन का हिस्सा है, तो आप बेझिझक कितना ही बड़ा अमाउंट हो घर पर रख सकते हैं. दिक्कतें तब आती हैं, जब आप यह साबित नहीं कर पाते हैं कि इनकम का सोर्स क्या है.

क्या कहता है इनकम टैक्स एक्ट? 

आयकर अधिनियम की धारा 68 से 69B में कैश और संपत्ति से जुड़े नियमों का जिक्र हैं- 

Section 68: अगर आपके पासबुक और कैशबुक में कोईरकम दर्ज है, लेकिन आप उसका सोर्स नहीं बता पा रहे हैं, तो उसे अनक्लेम्ड इनकम माना जाएगा. 

Section 69: अगर आपके पास कैश है या कोई निवेश है, लेकिन आप उसका हिसाब नहीं दे पा रहे हैं, तो उसे अनडिस्क्लोज्ड इनकम माना जाएगा. 

Section 69B: अगर आपके पास घोषित आय से अधिक संपत्ति या कैश है, लेकिन आप उसका सोर्स नहीं बता रहे हैं, तो आप पर टैक्स और पेनाल्टी लगाई जाएगी. 

सोर्स नहीं बता पाए तो… 

जांच या छापामारी के दौरान अगर आपके घर से भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ और आप उसका सही हिसाब-किताब नहीं दे पाए, तो पूरी रकम अनडिस्क्लोज्ड इनकम या अघोषित आय मानी जाएगी. इस स्थिति में 

आपके ऊपर भारी-भरकम टैक्स लगाया जा सकता है. 

जब्त की गई राशि का 78 परसेंट तक जुर्माना लग सकता है.

अगर विभाग को टैक्स चोरी का शक हुआ, तो मुकदमा भी चलाया जा सकता है.

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