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Friday, December 19, 2025
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मेड-इन-इंडिया कारों की बढ़ी मांग, एक्सपोर्ट में बन सकता है नया रिकॉर्ड, वजह जान रह जाएंगे हैरान

मेड-इन-इंडिया कारों की दुनिया में धूम, भारत ने FY2026 में कार एक्सपोर्ट ने नया रिकॉर्ड बनाया है, आइए जानें किन देशों में सबसे ज्यादा भारतीय कारें भेजी जा रही हैं.

भारत में बनी कारें अब सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी मजबूत पहचान बना रही हैं. मेड-इन-इंडिया कारों की मांग लगातार बढ़ रही है और इसका सीधा असर कार एक्सपोर्ट के आंकड़ों में देखने को मिल रहा है. चालू वित्त वर्ष FY2026 के पहले आठ महीनों में ही भारत ने कार निर्यात के मामले में नया रिकॉर्ड बना लिया है. इस दौरान भारत से पहले से ज्यादा कारें दूसरे देशों में भेजी गई हैं, जिससे ऑटो सेक्टर को बड़ी मजबूती मिली है.

FY2026 में कार एक्सपोर्ट ने छुआ नया स्तर
SIAM के आंकड़ों के अनुसार, FY2026 के पहले आठ महीनों में भारत से करीब 5,99,276 पैसेंजर व्हीकल्स विदेश भेजे गए हैं. ये पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत ज्यादा है. FY2025 में अप्रैल से नवंबर के बीच 4,98,763 गाड़ियां एक्सपोर्ट की गई थीं. यानी इस बार करीब 1 लाख यूनिट्स की सीधी बढ़ोतरी देखने को मिली है. यह साफ दिखाता है कि भारतीय कारें ग्लोबल मार्केट में तेजी से पसंद की जा रही हैं.
रिकॉर्ड के बेहद करीब पहुंचा ऑटो सेक्टर
FY2026 में अभी चार महीने बाकी हैं और मौजूदा रफ्तार को देखते हुए माना जा रहा है कि इस साल कार एक्सपोर्ट का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बन सकता है. FY2025 में कुल 7,70,364 पैसेंजर व्हीकल्स एक्सपोर्ट हुए थे. खास बात यह है कि इस वित्त वर्ष में तीन बार एक महीने में 80,000 से ज्यादा कारें विदेश भेजी गई हैं. सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के आंकड़े इस मजबूती को साफ दिखाते हैं.
मेक्सिको के टैरिफ ने बढ़ाई चिंता
बता दें कि इस सफलता के बीच एक चुनौती भी सामने आई है. मेक्सिको ने ऐलान किया है कि 1 जनवरी 2026 से भारत में बनी कारों पर Import duties 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया जाएगा. मेक्सिको भारत के लिए एक बड़ा एक्सपोर्ट बाजार है. FY2024 में भारत ने मेक्सिको को करीब 1.94 लाख कारें और SUV भेजी थीं, जो कुल एक्सपोर्ट का बड़ा हिस्सा थीं.
किन कंपनियों की कारें जाती हैं मेक्सिको?
मारुति सुजुकी मेक्सिको को हर साल हजारों कारें एक्सपोर्ट करती है, जिनमें बलेनो, स्विफ्ट, डिजायर और ब्रेजा शामिल हैं. हुंडई भी ग्रैंड i10, ऑरा, वेन्यू और क्रेटा जैसी कारें भेजती है. इसके अलावा फॉक्सवैगन ग्रुप और निसान इंडिया की गाड़ियां भी मेक्सिको में अच्छी खासी संख्या में बेची जाती हैं.
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह रिकॉर्ड?
मेड-इन-इंडिया कारों की बढ़ती मांग यह साबित करती है कि भारत अब सिर्फ एक बड़ा बाजार नहीं, बल्कि एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग हब भी बन चुका है. अगर टैरिफ जैसी चुनौतियों से सही तरीके से निपटा गया, तो आने वाले समय में भारत कार एक्सपोर्ट में नया इतिहास रच सकता है.

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