
कॉकरोच नियंत्रण: घर से छुटकारा पाने के असरदार उपाय
कॉकरोच केवल झुंझलाहट पैदा नहीं करते, बल्कि बैक्टीरिया फैलाकर एलर्जी और अस्थमा जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं। भारतीय घरों में ये सबसे आम कीटों में से हैं। ये कीड़े एक बार घर में घुस जाएं तो आसानी से नहीं जाते। तेज़ी से बढ़ने की क्षमता, कम खाने-पीने की जरूरत और छिपने की आदत इन्हें नियंत्रित करना मुश्किल बना देती है।
सिर्फ स्प्रे या जाल लगाने से समस्या खत्म नहीं होती। इनकी कॉलोनी, अंडे और छिपे हुए स्थानों को समझकर ही सही समाधान मिल सकता है। इसीलिए इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (IPM) सबसे असरदार तरीका माना जाता है। इसमें कीटनाशक, बेट/जेल और नियमित सफाई का संयोजन होता है। रोजाना थोड़ा सा सफाई करना और घर के छोटे-छोटे छेद या दरारें बंद करना लंबे समय तक कॉकरोच की समस्या को रोकने में मदद करता है।
कॉकरोच को कंट्रोल करना इसलिए मुश्किल है क्योंकि ये रात में सक्रिय रहते हैं, दिन में छिपकर बैठते हैं और कम भोजन-जल से भी जीवित रह सकते हैं। एक अकेला कॉकरोच कुछ हफ्तों में सैकड़ों की कॉलोनी बना सकता है। इसके अलावा, स्प्रे और घरेलू उपाय अक्सर सिर्फ थोड़ी देर के लिए राहत देते हैं, क्योंकि ये असली कॉलोनियों और अंडों तक नहीं पहुँच पाते।
एक असरदार रणनीति में हॉटस्पॉट की पहचान, बेट और जेल लगाना, अंडों के विकास को रोकने वाले केमिकल का उपयोग, बाहरी रास्तों को बंद करना और नियमित सफाई शामिल होती है। यही कारण है कि IPM लंबे समय तक प्रभावी माना जाता है।
सिर्फ उपचार ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा की आदतें भी महत्वपूर्ण हैं। फर्श को साफ रखना, खाना एयरटाइट डिब्बों में रखना, कचरा रोज़ फेंकना, रसोई और बाथरूम को सूखा रखना और बेकार सामान कम करना, नए कीड़ों के बसने का मौका कम करता है। यदि कॉकरोच दिन में दिखाई दें, कई कमरों में फैल जाएं या पड़ोसी घरों से आते रहें, तो प्रोफेशनल पेस्ट कंट्रोल सर्विसेज लेना ही बेहतर रहता है। सही रख-रखाव और नियमित सफाई के साथ ही घर में लंबे समय तक कॉकरोच से राहत मिलती है।

