Stress Relief Walk: वॉक करना हमेशा से फायदेमंद माना जाता है, इसलिए डॉक्टर भी लोगों को वॉक करने की सलाह देते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि सुबह के समय या फिर शाम के समय किस समय वॉक करना चाहिए.

चलना सबसे आसान और असरदार एक्सरसाइज है, लेकिन अक्सर सवाल उठता है कि सुबह चलना बेहतर है या खाने के बाद? रिसर्च बताती है कि दोनों के फायदे अलग हैं. असल मायने आपकी आदत, कुल एक्टिविटी और डाइट का है.

सुबह की वॉक मेटाबॉलिज्म तेज करती है और कुछ स्टडीज में बॉडी फैट जल्दी घटने का फायदा दिखा है. सुबह की हल्की एक्सरसाइज दिनभर के एनर्जी पैटर्न को भी बेहतर करती है. कई लोग इसे लंबे समय तक निभा पाते हैं.
सुबह वॉक का फायदा इसलिए होता है क्योंकि आप फास्टेड स्टेट में होते हैं, जिससे फैट का उपयोग बढ़ सकता है. इसके अलावा सुबह की आदत दिनभर की भागदौड़ से नहीं टकराती. यह आपकी बॉडी क्लॉक को भी बेहतर सिंक करती है.

हालांकि सुबह वॉक कोई जादू नहीं, इसका असर सीमित लेकिन स्थिर होता है. असली ताकत इसमें है कि लोग इसे नियमित रखें. इसी कंसिस्टेंसी से लंबे समय में वजन और स्वास्थ्य में बदलाव आता है.

शाम या खाने के बाद की वॉक का फायदा अलग है. यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बेहद असरदार है. छोटी-सी 10 से 20 मिनट की वॉक भी ग्लूकोज स्पाइक को काफी कम कर देती है. खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनमें डायबिटीज का जोखिम है.

डिनर बाद की वॉक रात की भूख और स्नैकिंग कम कर सकती है. यह स्ट्रेस भी घटाती है और नींद को बेहतर बनाती है. हल्की चाल शरीर को शांत करती है और मन को रिलैक्स करने का मौका देती है.

कुल मिलाकर रिसर्च का नतीजा मिक्स्ड है. कुछ जगह सुबह बेहतर, कुछ में शाम. ब्लड शुगर के लिए शाम फायदे की दिखती है, जबकि फैट लॉस में सुबह थोड़ी बढ़त दिखी है. लेकिन जब एक्सरसाइज और डाइट बराबर हों, फर्क कम नजर आता है.

अगर आपका लक्ष्य फैट लॉस है, सुबह की वॉक बढ़िया है. अगर ब्लड शुगर कंट्रोल जरूरी है कि डिनर बाद 10 से 30 मिनट चलें. तनाव और नींद के लिए शाम की सैर फायदेमंद है. सबसे अच्छा वही समय है जिस पर आप टिक सकें, नियमितता असली गेम चेंजर है.

