
बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को निरंतर प्रयास करते रहने की प्रेरणा दी और कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए समाधान की दिशा में आगे बढ़ना आवश्यक है। समस्याओं को गिनाते रहना किसी को आगे नहीं ले जाता, जबकि समाधान पर केंद्रित प्रयास सफलता दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से हर चुनौती का हल संभव है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जीवन में हमेशा कुछ नया सीखने का अवसर मिलता है, इसलिए विभिन्न क्षेत्रों में नए मौके तलाशने चाहिए। उनके अनुसार हर व्यक्ति में क्षमता होती है, केवल एक योग्य मार्गदर्शक की जरूरत होती है। संस्थान, गुरु, अभिभावक और वरिष्ठ जन नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक बन सकते हैं। धैर्य और संतुलन बनाए रखते हुए दृढ़ता से आगे बढ़ने पर सफलता निश्चित मिलती है। योगी आदित्यनाथ ने समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास और विश्वविद्यालय के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास गुप्ता को श्रद्धापूर्वक याद किया तथा 2011 में स्थापना के बाद से विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और खेल गतिविधियों की सराहना की।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह केवल उपाधि वितरण का कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की बदलती पीढ़ी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पहले दुनिया भारत की शिक्षा व परंपराओं का अनुसरण करती थी, लेकिन जब हमने दूसरों की नकल शुरू की, तो अपनी ताकत कमजोर कर ली। उन्होंने विद्यार्थियों को समाधान केंद्रित सोच अपनाने और सामूहिक प्रयासों से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
सीएम योगी ने बाबू बनारसी दास के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान और उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर उनकी दृष्टि का उल्लेख करते हुए कहा कि आज राज्य में जो योजनाएँ सफल हो रही हैं, उनमें उन महान विभूतियों की सोच छिपी है। उन्होंने कृतज्ञ रहने की सीख दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि भारत ने पिछले ग्यारह वर्षों में तेज़ प्रगति की है। ‘खेलो इंडिया’, ‘फिट इंडिया मूवमेंट’, सांसद खेलकूद प्रतियोगिता जैसी पहलों ने युवाओं में खेल को लेकर नई जागरूकता पैदा की है। बीबीडी विश्वविद्यालय में खेल सुविधाओं को उन्होंने बड़ी उपलब्धि बताया।
उन्होंने कहा कि देश और दुनिया तेजी से तकनीक को अपना रही है, इसलिए हमें 10 कदम आगे की सोच के साथ चलना होगा। 2014 के बाद भारत की छवि बदली है और निराशा की जगह आशा और उत्साह ने ले ली है। पीएम मोदी द्वारा स्किल डेवलपमेंट पर दिए गए जोर को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि स्केल को स्किल में बदलने के विजन ने लाखों युवाओं को नई दिशा दी है।
बीबीडी एकेडमी में स्केल और स्किल के बेहतर समन्वय की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, इसलिए संस्थानों को युवाओं के सपनों को दिशा देने के लिए तैयार होना होगा। एआई, रोबोटिक्स और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की बढ़ती उपयोगिता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक मानव के नियंत्रण में रहे, न कि मनुष्य तकनीक के।
उन्होंने सफाईकर्मियों की सुरक्षा, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, ट्रैफिक और सिविक सेंस जैसे विषयों पर भी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता बताई। सीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी के साथ-साथ संस्कारों को जोड़कर ही विकसित भारत का निर्माण संभव है।
यह बताते हुए कि कोई भी योजना जनता की भागीदारी के बिना सफल नहीं होती, उन्होंने कहा कि 2017 के बाद उत्तर प्रदेश हर केंद्रीय योजना में शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है। कानून-व्यवस्था सुधारने के प्रयासों ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित किया है। सुरक्षा की गारंटी ने यूपी को सबसे तेजी से उभरते राज्यों में शामिल किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट स्थापित होने से प्रदेश की तकनीकी क्षमता बढ़ी है और बड़ी आर्थिक संभावनाएँ पैदा हुई हैं। ड्रोन और रोबोटिक तकनीक में यूपी ने महत्वपूर्ण प्रगति की है।
उन्होंने कहा कि तकनीक रोजगार कम नहीं करती, बल्कि नए अवसर खोलती है, जैसा 1990 के दशक में कंप्यूटर आने पर हुआ था। अंत में, उन्होंने बीबीडी विश्वविद्यालय से उभरती तकनीकों पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने की अपील की।
समारोह में कैबिनेट मंत्री, विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को पदक और उपाधियाँ भी प्रदान कीं। विभिन्न स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अवार्ड प्राप्त करने वाले कई छात्र-छात्राएँ सम्मानित हुए, जबकि अनेक शोधार्थियों को डॉक्टरेट की उपाधि दी गई।

