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Thursday, November 6, 2025
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सुरेश रैना और शिखर धवन पर ED का बड़ा एक्शन, ऑनलाइन बेटिंग ऐप केस में 11.14 करोड़ की संपत्ति जब्त

ऑनलाइन बेटिंग ऐप पर सीडीई ने पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना के नाम पर 6.64 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड निवेश किया, जबकि शिखर धवन के नाम पर 4.5 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटरों सुरेश रैना और शिखर धवन की करीब 11.14 करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है. ये कार्रवाई गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म 1xBet से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है.
ED के मुताबिक, सुरेश रैना के नाम पर 6.64 करोड़ के म्यूचुअल फंड निवेश, जबकि शिखर धवन के नाम पर 4.5 करोड़ की एक संपत्ति को जब्त किया गया है.

ईडी में जांच में क्या हुआ खुलासा?

ईडी की जांच में सामने आया कि 1xBet और इसके दूसरे ब्रांड्स जैसे 1xBat और Sporting Lines भारत में बिना किसी अनुमति के ऑनलाइन बेटिंग और जुए का धंधा चला रहे थे. जांच में पाया गया कि सुरेश रैना और शिखर धवन ने विदेशी कंपनियों से एंडोर्समेंट यानी विज्ञापन की डील की थी और 1xBet के प्रमोशन के लिए वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए विज्ञापन किए.

इन विज्ञापनों के लिए भुगतान सीधे भारत में नहीं बल्कि विदेशी रास्तों से घुमाकर भेजे गए. ताकि असली सोर्स छुपाया जा सके. ईडी के मुताबिक, ये पैसा अवैध बेटिंग से कमाई गई रकम थी. जिसे सफेद दिखाने के लिए क्रिकेटरों के साथ डील की गई.

ED की जांच में आगे पता चला है कि 1xBet ने भारत में बेटिंग के लिए हजारों फर्जी या दूसरों के नाम पर बने खाते का इस्तेमाल किया. अब तक 6000 से ज़्यादा ऐसे अकाउंट्स की पहचान हुई है. इन खातों में बेटिंग के पैसे जमा करवाए जाते थे. जो आगे विभिन्न पेमेंट गेटवे के जरिए कई बार ट्रांसफर किए गए ताकि पैसा ट्रैक न किया जा सके. ईडी ने देश के चार पेमेंट गेटवे पर छापे मारे और अब तक 60 से ज़्यादा बैंक अकाउंट्स फ्रीज किए गए है. इन खातों में करीब 4 करोड़ की रकम को रोक दिया गया है.

केंद्रीय एजेंसी ने लोगों से की अपील

ईडी ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी ऑनलाइन बेटिंग या जुए के ऐप से दूर रहे. उन्होंने चेतावनी दी है कि जो लोग ऐसे प्लेटफॉर्म को प्रमोट करते हैं या अपनी बैंक डिटेल किसी और को इस्तेमाल के लिए देते हैं, तो उनके खिलाफ PMLA कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है. जिसमें 7 साल तक की सजा और संपत्ति की जब्ती का प्रावधान है.

ईडी ने जनता को ये सलाह दी है कि अपने बैंक अकाउंट या UPI आईडी किसी और को इस्तेमाल के लिए न दें. सोशल मीडिया पर किसी भी बेटिंग, हाई रिटर्न या पासिव इनकम वाले लिंक पर क्लिक न करें. ऐसे मोबाइल ऐप्स या टेलीग्राम/व्हाट्सएप चैनल से दूर रहें जो जुए या बेटिंग को बढ़ावा देते है. अगर आपका अकाउंट किसी ने गलत तरीके से इस्तेमाल किया है, तो तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करें. इस मामले की अभी भी जांच जारी है.

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