No menu items!
Wednesday, October 29, 2025
spot_img

Latest Posts

Chhath Puja 2025: जानें कौन हैं छठी मैया, सुख, समृद्धि और संतान की रक्षा करने वाली देवी का रहस्य

Chhath Puja 2025: इस साल छठ पूजा 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2025 तक मनाई जाएगी। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की विशेष पूजा के लिए प्रसिद्ध है। व्रती इस दिन अपने संतान के स्वास्थ्य, लंबी आयु और सफलता की कामना के लिए व्रत रखते हैं।

हालांकि बहुत से लोग यह व्रत रखते हैं, मगर उन्हें यह नहीं पता होता कि छठी मैया कौन हैं और उनका महत्व क्या है।

छठी मैया कौन हैं?
हिंदू धर्म में छठी मैया को भगवान सूर्यदेव की बहन माना जाता है। उन्हें संतानों की रक्षा, लंबी आयु, स्वास्थ्य और सफलता की देवी माना जाता है। इन्हें देवी षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, तब उन्होंने संतानों की रक्षा और वृद्धि के लिए देवी षष्ठी को बनाया। तभी से नवजात बच्चों की सुरक्षा के लिए उन्हें पूजा जाता है। नवजात शिशु के जन्म के छठे दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है।

छठी मैया और सूर्य देव का संबंध
छठ पूजा में व्रती सूर्य देव और छठी मैया की उपासना करते हैं। इस दौरान महिलाएं जल, फल और अर्घ्य अर्पित करती हैं। मान्यता है कि इनके आशीर्वाद से बच्चे निरोगी, भाग्यशाली और लंबी आयु वाले होते हैं। इस महापर्व के दौरान सूर्य की ऊर्जा और प्रकृति के तत्वों से पवित्रता का संयोग होता है, जिससे जीवन में नई चेतना आती है।

छठ पूजा के चार दिन:

  1. नहाय-खाय (25 अक्टूबर)
    व्रती स्नान कर घर को साफ और पवित्र करती हैं। इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत होती है।
  2. खरना (26 अक्टूबर)
    इस दिन व्रती निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को गुड़-चावल की खीर और रोटी छठी मैया को अर्पित करती हैं।
  3. संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर)
    तीसरे दिन व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं और सूर्य देव व छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
  4. उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर)
    अंतिम दिन व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करती हैं और व्रत का विधिवत समापन होता है। इसके बाद भक्त एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.