
हाल ही में भारत दौरे के दौरान श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज का दौरा किया, जहां उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी। करीब 31 साल बाद अपने पुराने कॉलेज लौटकर उन्होंने उस समय को याद किया जब वे समाजशास्त्र की छात्रा थीं। डॉ. अमरसूर्या ने कॉलेज के क्लासरूम में बैठकर पुराने दिनों की बातें साझा कीं और छात्रों के साथ बातचीत की।
हिंदू कॉलेज, जो 1899 में स्थापित हुआ था, स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख केंद्र रहा है और इसे देश के महान नेताओं का गढ़ माना जाता है। यहां छात्रों के लिए एक पार्लियामेंट भी है, जो 1935 से सक्रिय है और छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
हिंदू कॉलेज में एडमिशन पाना आसान नहीं है क्योंकि यहां भारी प्रतिस्पर्धा होती है। इसके लिए सबसे पहले छात्र सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा देते हैं। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की कॉमन सीट एलोकेशन प्रक्रिया के तहत छात्रों को उनके सीयूईटी स्कोर, चयनित कोर्स और उपलब्ध सीटों के आधार पर एडमिशन मिलता है।

