
कॉकरोच और झींगुर दोनों ही अक्सर हमारे घरों और आसपास के इलाके में पाए जाते हैं, लेकिन ये एक-दूसरे से काफी अलग कीट हैं। पहली नजर में ये एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन इनके शरीर के आकार, व्यवहार और जैविक वर्गीकरण में काफी फर्क है।
कॉकरोच अपने चपटे, अंडाकार शरीर और छोटे पैरों के लिए पहचाने जाते हैं, जो उन्हें दरारों और संकरी जगहों में आसानी से घुसने में मदद करते हैं। ये आमतौर पर अंधेरे और नम स्थानों जैसे रसोई, बाथरूम और तहखाने में रहते हैं। उनके पंख होते हैं लेकिन वे ज्यादा उड़ान नहीं भर पाते। कॉकरोच आवाज़ नहीं करते और मूक रहते हैं।
झींगुर लंबे, सिलेंडर जैसे शरीर और मजबूत लंबे पैरों वाले होते हैं, जिनकी मदद से ये आसानी से छलांग लगा सकते हैं। झींगुर अपने पंखों को रगड़ कर चहचहाहट की आवाज़ निकालते हैं, जिसे स्ट्रिडुलेशन कहा जाता है। उनके लंबे एंटीना होते हैं, जो उन्हें पर्यावरण में नेविगेट करने, खतरे का पता लगाने, और भोजन व साथी खोजने में मदद करते हैं।
शारीरिक और व्यवहारिक अंतर की बात करें तो, कॉकरोच का चपटा शरीर तेजी से रेंगने में मदद करता है, जबकि झींगुर के लंबे पैर उन्हें कूदने में सक्षम बनाते हैं।
कीट परिवार के लिहाज से, कॉकरोच ब्लैटोडिया गण के सदस्य हैं, जिसमें लगभग 4600 प्रजातियां शामिल हैं। जबकि झींगुर ऑर्थोप्टेरा गण से आते हैं, जिनमें टिड्डे और टिड्डियां भी शामिल हैं। इसलिए ये दोनों अलग-अलग कीट परिवारों से संबंधित हैं।