
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने युवाओं और Gen Z की अहमियत पर जोर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि देश के छात्र, युवा और Gen Z ही वह ताकत हैं जो संविधान की रक्षा करेंगे, लोकतंत्र को सुरक्षित बनाएंगे और वोट चोरी जैसी समस्याओं को रोकेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे हर हाल में छात्रों और युवाओं के साथ खड़े रहेंगे। इसी संदर्भ में, चलिए जानते हैं कि भारत में Gen Z की संख्या कितनी है और यह नई पीढ़ी देश के भविष्य को कैसे आकार दे रही है।
नेपाल में Gen Z का विरोध और वैश्विक ध्यान
नेपाल तब सुर्खियों में आया जब वहां की Gen Z पीढ़ी ने अप्रत्याशित रूप से संसद भवन में आग लगा दी। इस घटना को कुछ ने युवा क्रांति माना, जबकि कई इसे अव्यवस्थित और गैर-जिम्मेदाराना कदम बताने लगे। इस घटना के बाद विश्वभर में Gen Z के बारे में चर्चा बढ़ गई। हाल ही में जारी ताजा आंकड़ों से पता चला है कि दुनिया में सबसे बड़ी Gen Z आबादी भारत में मौजूद है, जो इस पीढ़ी की वैश्विक भूमिका को और मजबूत करता है।
भारत में Gen Z की संख्या और वितरण
India In Pixels की सितंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में Gen Z की संख्या लगभग 374 मिलियन है। राज्यों के लिहाज से, बिहार में Gen Z की आबादी सबसे ज्यादा है, जबकि केरल में यह सबसे कम पाई जाती है। राजस्थान इस सूची में पाँचवें स्थान पर है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत का जनसांख्यिकीय परिदृश्य इस नई पीढ़ी के प्रभाव से गहराई से प्रभावित है।
चीन और पाकिस्तान में Gen Z की संख्या
वैश्विक स्तर पर तुलना करने पर पता चलता है कि भारत न केवल सबसे आगे है, बल्कि चीन को भी काफी पीछे छोड़ चुका है। चीन में Gen Z की आबादी लगभग 246 मिलियन है। वहीं, पाकिस्तान की Gen Z आबादी का सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान इस सूची में लगभग पांचवें स्थान पर है। यह डेटा इस बात को दर्शाता है कि दक्षिण एशिया में Gen Z की भूमिका तेजी से बढ़ रही है।