
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने दो साल से खाली पड़े अपने महत्वपूर्ण चेयरमैन पद पर अब पूर्व IAS अधिकारी और इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (IFSCA) के पूर्व अध्यक्ष इंजेती श्रीनिवास को नियुक्त किया है। NSE के अनुसार, श्रीनिवास का समृद्ध प्रशासनिक और वित्तीय अनुभव एक्सचेंज की विकास रणनीतियों और आगामी IPO की तैयारियों में अहम भूमिका निभाएगा।
इंजेती श्रीनिवास का करियर बेहद प्रभावशाली रहा है। वे 1983 बैच के ओडिशा कैडर के IAS अधिकारी हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकॉनॉमिक्स (ऑनर्स) की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने यूके के स्ट्रैथक्लाइड बिजनेस स्कूल से MBA की डिग्री हासिल की।
उन्होंने कॉर्पोरेट अफेयर्स सेक्रेटरी के पद पर काम किया, IFSCA के पहले चेयरमैन बने और कई संस्थागत सुधारों में योगदान दिया। 2017 से 2023 तक वे फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल के सदस्य भी रहे। इसके अलावा, श्रीनिवास ने SEBI और LIC के बोर्ड में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हाल ही में वे NSE बोर्ड में पब्लिक इंटरेस्ट डायरेक्टर के तौर पर शामिल हुए थे और अब उन्हें चेयरमैन का पदभार सौंपा गया है।
8वें वेतन आयोग का फायदा मिलेगा या नहीं?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) एक निजी संस्थान है, इसलिए इसके चेयरमैन को सरकार की तरह निर्धारित वेतनमान नहीं मिलता, बल्कि कॉर्पोरेट सैलरी पैकेज दिया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, NSE अपने कर्मचारियों को काफी आकर्षक वेतन देता है। यहां सबसे अधिक वेतन पाने वाले पद वाइस प्रेसिडेंट का होता है, जिसकी वार्षिक आय लगभग 67.5 लाख रुपये से लेकर 1.2 करोड़ रुपये के बीच होती है।
कंपनी के टॉप 10% कर्मचारी सालाना 25.8 लाख रुपये से अधिक कमाते हैं, जबकि टॉप 1% कर्मचारियों की कमाई 74.9 लाख रुपये से ऊपर होती है। चूंकि इंजेती श्रीनिवास पूर्व IAS अधिकारी हैं, उन्हें पहले से ही सरकारी सेवा से जुड़ी पेंशन और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। NSE का वेतन पैकेज उनके लिए इससे अलग और अतिरिक्त होगा।
असल में, 8वें वेतन आयोग केवल उन कर्मचारियों और अधिकारियों पर लागू होता है जो वर्तमान में सरकारी सेवा में हैं। चूंकि श्रीनिवास IAS से रिटायर हो चुके हैं, उन्हें इसका वेतन में कोई लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, इस आयोग के लागू होने से उनकी पेंशन पर प्रभाव पड़ सकता है।