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Tuesday, November 4, 2025
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ट्रंप की टैरिफ नीति पर बवाल! भारत के खिलाफ फैसले पर अमेरिकी संसद में घमासान

संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मामलों की समिति के प्रमुख डेमोक्रेट सदस्य ग्रेगरी मीक्स ने बुधवार को वाशिंगटन में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा से मुलाकात की।

ट्रंप के टैरिफ: अमेरिका ने भारत के खिलाफ 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है. इसमें से 25 प्रतिशत एक आम टैरिफ है, जबकि रूस से तेल आयात के लिए एक्सट्रा 25 प्रतिशत की पेनाल्टी लगाई गई है. इस उच्च टैरिफ के कारण भारत-अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ रहा है. दिलचस्प बात यह है कि अब अमेरिकी कांग्रेस में ही राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं. कई सांसदों ने इस कदम को भारत और अमेरिका के बीच के महत्वपूर्ण संबंधों के लिए खतरा बताया है.

ट्रंप के खिलाफ मोर्चा!

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के प्रमुख डेमोक्रेट सदस्य ग्रेगरी मीक्स ने बुधवार को वाशिंगटन में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा से मुलाकात की. मीक्स ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से भारत पर लगाए गए “मनमाने टैरिफ” दोनों देशों के बीच मजबूत होती साझेदारी के लिए गंभीर खतरा हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि पिछले 25 वर्षों में क्वाड सहित जिन रिश्तों को गहराई मिली है, उन्हें नुकसान पहुंचाना अमेरिका और भारत दोनों के लिए ठीक नहीं होगा.

मीक्स ने यह भी दोहराया कि अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करना कांग्रेस की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि हमारी चर्चा गहरे संबंधों के प्रति प्रतिबद्धता, यूक्रेन में शांति की साझा आशा और ट्रंप के मनमाने टैरिफ पर केंद्रित रही.

अब क्या करेंगे ट्रंप?

भारतीय राजदूत क्वात्रा ने भी ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए कुल 50 प्रतिशत टैरिफ के बारे में जवाब दिया, जिसमें रूसी तेल आयात पर 25 प्रतिशत पेनाल्टी शुल्क भी शामिल है, ने रिश्तों को एक नया मोड़ दिया है। उन्होंने अमेरिका-भारत संबंधों के लिए उनके निरंतर परामर्श और समर्थन के लिए आभार जताया। उन्होंने बताया कि बातचीत का केंद्र व्यापार, ऊर्जा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और आपसी हितों से जुड़े व्यापक मुद्दे रहे। इसके अलावा, क्वात्रा ने कांग्रेसनल एनर्जी एक्सपोर्ट कॉकस की अध्यक्ष कैरोल मिलर से भी मुलाकात की और भारत की ऊर्जा सुरक्षा व व्यापार नीति को लेकर जानकारी साझा की। भारत का कहना है कि उसकी ऊर्जा खरीद पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और बाजार की वास्तविकताओं से प्रेरित है। इस बीच, भारतीय राजदूत अमेरिकी सांसदों से लगातार मुलाकात कर स्थिति को स्पष्ट करने और संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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