No menu items!
Friday, September 19, 2025
spot_img

Latest Posts

ये हिंदू शासक अपने प्रयासों से राजा बने थे, उन्हें गद्दी परिवारवाद में नहीं मिली थी।

जो हिंदू शासक हुए, वे अपनी बहादुरी और काबिलियत से गद्दी हासिल करने के लिए वंशवाद की परंपरा को तोड़कर खड़े हुए थे। उन शासकों के बारे में हमें जानने का अवसर मिलता है जो भारत के इतिहास में अपने आप को राजा बनाने में सक्षम रहे।ऐतिहासिक दस्तावेजों से हमें यह जानकारी प्राप्त होती है कि ऐसे कई राजाओं ने अपने बेटों या पुत्रों को अपने उत्तराधिकारी बनाया है. भारत में भी कई ऐसे राजा हुए हैं, जिनके संतानों को या वंशजों को राजघराना मिली है, लेकिन भारतीय इतिहास में कई ऐसे हिंदू शासक भी हुए हैं, जिन्होंने वंशवाद के सहारे लिए बिना अपने परिवार के समर्थन के अपनी विद्वता और क्षमता से सत्ता हासिल की. ये राजा अपने पराक्रम, बुद्धिमत्ता और क्षमता के जरिए गद्दी तक पहुँचे. चलिए, इनके बारे में और अधिक जानें।

चंद्रगुप्त मौर्य (321 ईसा पूर्व)

भारत का सबसे बड़ा साम्राज्य खड़ा करने वाले चंद्रगुप्त मौर्य किसी राजवंश से नहीं थे। वे एक सामान्य परिवार से थे और बचपन में कठिनाइयों से गुजरे। लेकिन चाणक्य के साथ उनकी साहायता और अपनी प्रतिभा से, उन्होंने नंद वंश को परास्त करके मौर्य साम्राज्य की नींव रखी। उनकी मेहनत और रणनीति ने उन्हें इतिहास का महान सम्राट बना दिया।

समुद्रगुप्त (335 ईस्वी)

गुप्त वंश के इस राजा के लिए शुरू में सिंहासन प्राप्त करना आसान नहीं था। उनके पिता चंद्रगुप्त प्रथम के कई बेटे थे, लेकिन समुद्रगुप्त ने अपने साहस और युद्ध कौशल से खुद को साबित किया। बाद में उन्होंने उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक कई राजाओं को पराजित करके गुप्त साम्राज्य को स्वर्ण युग की ओर ले जाया।

पृथ्वीराज चौहान (1177 ईस्वी)

चौहान वंश से होने के बावजूद, पृथ्वीराज चौहान को गद्दी पाने के लिए कठिनाई से गुजरना पड़ा था। उन्होंने जवानी में ही अपनी तलवार और युद्ध कौशल से साबित किया कि वे दिल्ली और अजमेर की गद्दी के अधिकारी हैं।

राणा सांगा (1527 ईस्वी से पहले)

राजस्थान के मेवाड़ के उत्कृष्ट शासक राणा सांगा ने अपने साहस से महानतापूर्ण स्थान प्राप्त किया। राजपरिवार में सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन राणा सांगा ने वीरता और एकता के माध्यम से कई रियासतों को एक किया और मेवाड़ को एक शक्तिशाली शासकीय सेना बनाया।

शिवाजी महाराज (1674 ईस्वी)

मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने जन्म से ही किसी बड़े गद्दी पर नहीं बैठा था। उन्होंने छोटी उम्र से ही संघर्ष की शुरुआत की और अपने साहस से किला-किला जीतते गए। उनकी रणनीति, युद्धकला और प्रशासनिक सोच ने मराठों को एकजुट किया और मुगलों को चुनौती दी।

महाराजा रणजीत सिंह (1801 ईस्वी)

सिख साम्राज्य के संस्थापक रणजीत सिंह का जन्म एक शाही परिवार में नहीं हुआ था। उनके पिता एक छोटे सैन्य दल के प्रमुख थे। लेकिन रणजीत सिंह ने युवावस्था में ही बहादुरी से कई युद्ध जीते और पंजाब को एकजुट कर सिख साम्राज्य की स्थापना की.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.