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Tuesday, November 4, 2025
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“ट्रंप फैक्टर से सोना चमका, 24 कैरेट की कीमत ₹10,260 पार – क्या खरीदें या रुकें?”

गोल्ड प्राइस आज 28 अगस्त: सोने और चांदी की मूल्य रोज़ाना निर्धारित होती है और इसके पीछे कई आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक कारण होते हैं। सबसे पहले, एक्सचेंज रेट और डॉलर की मूल्यों में उतार-चढ़ाव इन धातुओं की मूल्य को सीधे प्रभावित करते हैं।

सोने की कीमत आज: सोना हाल के कुछ समय से लगातार समाचारों में चर्चा में है. गणेश चतुर्थी के खास अवसर पर, सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिला है। इसके बाद, सोने का भाव एक बार फिर से ऑल टाइम हाई के पास पहुंच गया है। पिछले हफ्ते सोने में गिरावट के बाद, इस हफ्ते सोने की कीमत में धीरे-धीरे वृद्धि देखने को मिल रही है।

लोग निवेश के लिए 24 कैरेट सोना खरीदते हैं, जबकि ज्वेलरी बनाने के काम में 22 कैरेट और 18 कैरेट सोना का उपयोग होता है। आज, 24 कैरेट सोने की कीमत में 160 रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि 22 कैरेट सोने में 150 रुपये की वृद्धि और 18 कैरेट में 120 रुपये की वृद्धि हुई है।

चलिए जानते हैं कि आपके शहर में सोने कीमत क्या है।

आज भारतीय राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,02,750 रुपये है जबकि आर्थिक राजधानी मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, केरल और पुणे में यह 1,02,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर मिल रहा है।
साथ ही, 22 कैरेट सोना दिल्ली में 94,200 रुपये की कीमत पर बिक रहा है जबकि मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, केरल और पुणे में यह 94,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध है।
फिर, 18 कैरेट सोना दिल्ली में 77,080 रुपये में बिक रहा है, चेन्नई में यह 77,750 रुपये की कीमत पर उपलब्ध है जबकि मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, केरल, पुणे और वडोदरा में यह 76,990 रुपये प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध है।

किस प्रकार रेटिंग तय होती है?

सोना और चांदी की कीमतें रोज़ाना तय होती हैं और इसके पीछे कई आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक कारण जुड़े होते हैं. सबसे पहले, एक्सचेंज रेट और डॉलर की कीमतों में उतार-चढ़ाव इन धातुओं की कीमत को सीधे प्रभावित करते हैं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी अमेरिकी डॉलर में ही तय होते हैं. अगर डॉलर महंगा हो जाए या रुपया कमजोर हो जाए, तो भारत में सोने-चांदी की कीमतें बढ़ जाती हैं.

दूसरा बड़ा कारण है सीमा शुल्क और टैक्स. भारत में सोने का अधिकांश आयात होता है, इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और स्थानीय टैक्स इसकी कीमत पर असर डालते हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति भी सोने की दरों को बदल देती है. युद्ध, आर्थिक मंदी, ब्याज दरों में बदलाव या वैश्विक अस्थिरता के समय निवेशक शेयरों की बजाय सोने-चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं, जिससे इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं.

भारत में सोने का एक खास सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है. शादियों, त्योहारों और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना परंपरा मानी जाती है. इस वजह से मांग बढ़ती है और दाम पर असर पड़ता है. आख़िर में, मुद्रास्फीति और निवेश के दृष्टिकोण से भी सोना और चांदी अहम हैं. महंगाई के समय सोना बेहतर रिटर्न देने वाला साधन साबित होता है. शेयर बाजार में जोखिम बढ़ने पर लोग सोना-चांदी को सुरक्षित निवेश मानते हैं. यही वजह है कि इन धातुओं की मांग और कीमतें हमेशा ऊंची बनी रहती हैं.

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