आजकल लोगों के अंदर डिप्रेशन के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं, हर दस में से 7 इंसान इसकी चपेट में है. चलिए आपको बताते हैं कि इससे बचने का उपाय क्या क्या है.

आजकल की तेज़ रफ्तार वाले जीवन में स्ट्रेस एक सामान्य बात हो गई है। कभी-कभी हालात इतने उत्तेजित हो जाते हैं कि लगता है कि मस्तिष्क के सभी सर्किट बंद हो गए हैं। इस समय में सुनिश्चित करना चाहिए कि हम शांत रहें और मानसिक संतुलन बनाए रखें। केवल दवा या विश्राम ही नहीं, बल्कि सरल और प्रभावी तरीकों से भी आप अपने मस्तिष्क को शांत कर सकते हैं।
स्पेशलिस्ट्स के मुताबिक, तनाव लंबे समय तक शरीर और दिमाग दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। डॉ. राचेल हॉपमैन, यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा की मनोविज्ञान प्रोफेसर, अपने शोध में बताती हैं कि प्राकृतिक वातावरण में समय बिताने से मानसिक स्थिति में सुधार हो सकता है और तनाव कम हो सकता है। उनका प्रसिद्ध “20-5-3 नियम” कहता है कि सप्ताह में तीन बार 20 मिनट, महीने में एक बार 5 घंटे, और साल में तीन दिन पूरी तरह से प्रकृति में समय बिताएं। इससे दिमाग को रिलैक्स करने का मौका मिलता है और मानसिक संतुलन बहाल होता है।
7 असरदार टिप्स तनाव कम करने के लिए
गहरी और धीमी सांसें लें
गहरी सांसें लेने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है और दिमाग को तुरंत शांति मिलती है.
प्राकृतिक वातावरण में समय बिताएं
जैसा कि डॉ. हॉपमैन बताती हैं, जंगल, पार्क या नदी किनारे समय बिताने से मानसिक तनाव कम होता है और आपका मूड बेहतर होता है.
Mindfulness का अभ्यास करें
वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करना और अपने विचारों को स्वीकार करना तनाव को कम करता है .
सकारात्मक सोच अपनाएं
सकारात्मक विचार और खुद से सकारात्मक संवाद तनाव घटाने में मदद करते हैं.
नियमित व्यायाम करें
दौड़ना, योग या हल्का व्यायाम एंडोर्फिन्स बढ़ाता है, जो प्राकृतिक रूप से तनाव कम करता है.
अच्छी नींद लें
पर्याप्त नींद लेने से शरीर और मस्तिष्क को आराम मिलता है और मानसिक स्थिति बेहतर रहती है.
बातचीत से भी मिलती है राहत
परिवार, मित्र या विशेषज्ञ के साथ बात करना भी एक अच्छा तरीका है तनाव को कम करने का. तनाव हमारे जीवन का हिस्सा है, परंतु हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं. ऊपर दिए गए सुझावों को अपनाकर आप अपने दिमाग को शांत कर सकते हैं और मानसिक संतुलन को बना सकते हैं. यदि तनाव लगातार बना रहे या बढ़ रहा है, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे सुरक्षित और प्रभावी उपाय हो सकता है।