दिल्ली की बारिश की खबर: वेदर डिपार्टमेंट की जानकारी के अनुसार, जून से 18 अगस्त तक दिल्ली में औसत वर्षा 76.5 प्रतिशत रही। यह 2008 के बाद दूसरा सबसे अधिक स्तर है। दूसरी ओर, दिल्ली में बारिश का दौर भी जारी है।दिल्ली में इस साल मॉनसून का एक अद्वितीय रूप देखने को मिल रहा है। राजधानी में अगस्त महीने के मध्य तक ही इतनी ज्यादा बारिश हो चुकी है, जितनी पिछले 25 वर्षों में कभी नहीं हुआ था। यह आंकड़े दिखाते हैं कि ऐसी अधिक वर्षा की रिकॉर्डिंग पहले कभी नहीं हुई थी। हालांकि, इसके बावजूद दिल्ली वासियों को चिपचिपी गर्मी से कोई राहत नहीं मिल पाई।

दिल्ली में बारिश का दौर जारी
दिल्ली इस साल मॉनसून का कुछ अलग ही मिजाज देखने को मिल रहा है. अगस्त महीने के मध्य तक ही राजधानी में इस बार उतनी बारिश हो चुकी है, जितनी आमतौर पर पूरे साल में होती है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 25 वर्षों में अगस्त में इतनी अधिक वर्षा पहले नहीं दर्ज की गई थी. बावजूद इसके दिल्लीवासियों को चिपचिपी गर्मी से राहत नहीं मिल सकी.
17 साल का उमस का रिकॉर्ड टूटा
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, एक जून से 18 अगस्त तक दिल्ली में औसत आर्द्रता 76.5 प्रतिशत रही. यह 2008 के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्तर है. सामान्य परिस्थितियों में मॉनसून के दौरान राजधानी की औसत आर्द्रता लगभग 67.2 प्रतिशत रहती है.
खास बात यह रही कि 14 से 18 अगस्त तक उमस ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और औसत आर्द्रता 89.2 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो सामान्य से लगभग सवा गुना अधिक है.
जून और जुलाई बने मुख्य वजह
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार उमस बढ़ने की सबसे बड़ी वजह मॉनसून की शुरुआत के महीने जून और जुलाई रहे. जून में आर्द्रता 1973 के बाद तीसरे स्थान पर रही, जबकि जुलाई में यह दूसरे नंबर पर दर्ज की गई.
अगस्त के शुरुआती दिनों में स्थिति कुछ बेहतर रही, लेकिन 14 से 18 अगस्त के बीच अचानक नमी का स्तर इतना बढ़ा कि पिछले सभी रिकॉर्ड पीछे छूट गए.
बारिश और नमी का गहरा संबंध
जुलाई और अगस्त दिल्ली के लिए सबसे अधिक बरसात वाले महीने माने जाते हैं। इस बार जुलाई में सिर्फ आठ दिन और अगस्त में अब तक चार दिन ही ऐसे रहे जब बारिश नहीं हुई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि लगातार वर्षा से वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ी है। जब बरसात तेज होती है, तो तापमान नीचे आता है, लेकिन हल्की या रुक-रुक कर होने वाली बारिश के बाद बची हुई नमी उमस को असहनीय बना देती है।
दक्षिण और पूर्वोत्तर से आया नमी का प्रवाह
दिल्ली में जून महीने में 19 दिनों तक बारिश नहीं हुई थी, लेकिन दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में मानसून के तेजी से सक्रिय हो जाने से वहां की नमी का प्रवाह दिल्ली की ओर बढ़ गया। मॉनसून आधिकारिक रूप से 29 जून को राजधानी पहुंचा और उसके बाद से लगातार बारिश ने शहर को भिगोए रखा रखा है। इस दौरान नमी का स्तर लगातार बढ़ता रहा है।
बृहस्पतिवार को भी जारी रही उमस
गुरुवार को दिल्ली में उमस-भरी गर्मी ने लोगों को परेशान किया। जगह-जगह पर हल्की बारिश हुई, लेकिन इससे कोई बड़ी राहत नहीं मिली। अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस था, जो की सामान्य से 0.6 डिग्री अधिक था, जबकि न्यूनतम तापमान 25.9 डिग्री रहा। दिन भर हवा में नमी का स्तर 64 से 89 प्रतिशत के बीच रहा।
आज भी हो रही बारिश
दिल्ली में आज (शुक्रवार) बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान दिया था कि आसमान में बादल छाए रहेंगे और तेज हवाएं चलेंगी, जिससे बारिश हो सकती है। न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना है, जबकि अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक बढ़ सकता है। सापेक्षिक आर्द्रता सुबह साढ़े आठ बजे लगभग 80 प्रतिशत रही और पिछले 24 घंटे में 0.1 मिमी बारिश हुई है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 98 है, जो सीपीसीबी के अनुसार ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है। इसका अर्थ है कि हवा की गुणवत्ता सामान्य है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडक भरी राहत अभी दूर है और लोगों को इस मौसम का आनंद लेने के लिए थोड़े दिन और इंतजार करना पड़ सकता है।