No menu items!
Friday, September 19, 2025
spot_img

Latest Posts

निप्पॉन इंडिया ने मैन्युफैक्चरिंग थीम पर आधारित नया म्यूचुअल फंड किया लॉन्च

निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंड: भारत अगले साल मैन्युफैक्चरिंग में 1 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लेगा। अभी मैन्युफैक्चरिंग भारत की GDP का 17% हिस्सा है और आने वाले सालों में इसके और बढ़ने की उम्मीद है

निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने मैन्युफैक्चरिंग थीम पर आधारित एक नया फंड ऑफर (NFO) लॉन्च किया है। इस नए फंड ऑफर – निप्पॉन इंडिया निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग ईटीएफ और निप्पॉन इंडिया निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड – 6 अगस्त से सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध है और 20 अगस्त 2025 तक खुला रहेगा

यह नए फंड का शुभारंभ भारत में भविष्य में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विकास के समय पर किया गया है। टेक कंपनी Apple की तरह कई बड़ी कंपनियाँ अपने उत्पादन को भारत में शिफ्ट कर रही हैं और देश खुद को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह वृद्धि का महसूस किया जा सकता है

अनुमान के अनुसार, भारत अगले साल मैन्युफैक्चरिंग में 1 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लेगा। वर्तमान में मैन्युफैक्चरिंग भारत की GDP का 17% हिस्सा है और आगामी वर्षों में यह और भी बढ़ने की उम्मीद है। निप्पॉन का यह नया फंड ऑफर Nifty India Manufacturing Index की जगह लेगा

यह इंडेक्स कैपिटल गुड्स, ऑटो, मेटल्स, हेल्थकेयर और केमिकल्स जैसी मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों को शामिल करता है। AMFI फ्रेमवर्क के अनुसार, इसमें उन्हीं सेक्टर्स की कंपनियों को चुना गया है जो सीधे तौर पर मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों से संबंधित हैं। इसके अलावा, ऑटो और कैपिटल गुड्स जैसे प्रमुख सेक्टर्स को न्यूनतम हिस्सेदारी और अधिकतम वेट लिमिट जैसे नियमों के तहत शामिल किया गया है। फंड का निवेश Nifty 100, Nifty Midcap 150 और Nifty Smallcap 50 की यूनिवर्स से चुनी गई टॉप 300 कंपनियों में किया जाता है

भारत मैन्युफैक्चरिंग के दम पर ग्रोथ के नए दौर में प्रवेश कर रहा है और यह फंड देश की मजबूत आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था के 7% से ऊपर की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिसे 28.2 साल की औसत उम्र वाली युवा आबादी और 68% कामकाजी उम्र वाले लोगों का आधार सपोर्ट कर रहा है

सस्ते वेतन ढांचों, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी कॉर्पोरेट टैक्स दरें और PLI, गति शक्ति और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के मजबूत समर्थन के कारण सरकार द्वारा उच्च स्तर पर औद्योगिक निवेश आ रहे हैं। पिछले 10 सालों में विनिर्माण क्षेत्र में FDI में 69% की वृद्धि हुई है

दुनियाभर के मैन्युफैक्चरर्स अब ‘चीन-प्लस-वन’ रणनीति अपना रहे हैं, और भारत इससे लाभ उठाता हुआ स्पष्ट रूप से उभर रहा है। इस बदलाव से घरेलू मांग में वृद्धि, सप्लाई चेन में पुनर्गठन और कंज़्यूमर सेक्टर में प्रीमियमाइजेशन जैसी दीर्घकालिक संभावनाएं बन रही हैं।

यह फंड ETF और इंडेक्स फंड दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध है। निवेशकों को इसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की डाइवर्सिफाइड टोकरी में कम लागत में निवेश करने का मौका मिलता है, जिसमें इंडेक्स की पूरी पारदर्शिता होती है और ट्रैकिंग एरर भी बहुत कम होता है। ETF में इन्ट्राडे लिक्विडिटी यानी दिन में कभी भी खरीद-बिक्री की सुविधा मिलती है, जबकि इंडेक्स फंड के जरिए SIP के जरिए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है



Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.