शाहजहां ने आगरा में ताजमहल का निर्माण क्यों करवाया था? आमतौर पर, किसी भी भवन का निर्माण नमी या पानी से दूर कराया जाता है, लेकिन ताजमहल को यमुना नदी के किनारे बनवाया गया था। चलिए, जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ।

कुछ कहानियां इतिहास रचती हैं, जबकि कुछ कहानियां इतिहास सुनाती हैं. मुगल बादशाह शाहजहां ने जब अपनी बेगम मुमताज महल के लिए ताजमहल बनवाया तो उसके पीछे यही उद्देश्य था कि उन्हें दुनिया का सबसे अद्वितीय और निराला ताजमहल प्राप्त हो, जिससे कि आने वाली पीढ़ियां मुमताज के साथ-साथ ताजमहल की सुंदरता को भी समझ सकें। ताजमहल की सुंदरता उसके विस्तृत मकबरे के साथ-साथ उसकी वास्तुकला, विशालता और शानदार नक्काशी में छिपी हुई है।
यह एक उच्च कला का अद्वितीय उदाहरण है। ताजमहल को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्यार का प्रतीक माना जाता है। लेकिन क्या कभी यह सोचा गया है कि ताजमहल को आगरा में ही क्यों बनवाया गया, जबकि यमुना नदी तो दिल्ली में भी है। इसका कारण जानने के लिए आगे बढ़ें।
ताजमजहल कब बना था ताजमहल एक बेहद सुंदर आकर्षण है, जिसे हर साल लाखों पर्यटक आते हैं और वे इस महान ऐतिहासिक स्मारक की सुंदरता और महत्व का आनंद लेते हैं. इस दिवारी की तरह ताजमहल का निर्माण करने में लगभग 22 साल का समय लगा था. यह दिव्य भव्य मकबरा 1632 ई. में निर्माण करने का कार्य शुरू हुआ था और इसे 1653 में पूरा किया गया था. इस सुंदर वास्तुकला की सराहना के लिए 20 हजार से अधिक मजदूर, शिल्पकार, वास्तुकार और कारीगरों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था. ताजमहल का निर्माण बहुत मेहनत से किया गया था, जिससे यह एक आदर्श वास्तुकला महा-कृति बन गया है.
क्यों बना ताज आगरा में ही ताजमहल को सिर्फ आगरा में बनाने के पीछे कई कारण थे। उस समय आगरा मुगल साम्राज्य की राजधानी थी और शाहजहां का दरबार भी वहीं स्थित था। इसके अतिरिक्त, यमुना नदी के किनारे एक स्थान आदर्श था, संगमरमर की आपूर्ति, कुशल कारीगरों की उपलब्धता भी ताजमहल के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई। इसके अलावा, आगरा में यमुना नदी का प्रवाह भी उपयुक्त था, जिससे ताजमहल की सुंदरता बढ़ी और इसे किसी भी तरह का हानि नहीं पहुंचता।
नदी का प्रभाव इतिहासकार अब्दुल हामिद लाहौरी के अनुसार, शाहजहां ने यमुना के किनारे आगरा में ताजमहल बनाने के लिए जगह ध्यानपूर्वक चुनी थी, क्योंकि यमुना नदी का मोड़ ताजमहल को बाढ़ या फिर कटाव से भी बचाता है। बाद में शाहजहां ने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया, लेकिन ताजमहल आगरा में ही रहा और आज भी वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण होकर देश की गरिमा बढ़ा रहा है।