नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रही चर्चा में कांग्रेस को उसकी ‘गलती’ याद दिलाई।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “पाकिस्तान कांग्रेस की गलती है। अगर उन्होंने विभाजन स्वीकार नहीं किया होता, तो आज पाकिस्तान नहीं होता।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कल वे (कांग्रेस) सवाल उठा रहे थे कि युद्ध क्यों नहीं किया…आज, PoK केवल जवाहरलाल नेहरू की वजह से मौजूद है…1960 में, उन्होंने सिंधु नदी का 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया…1971 में, शिमला समझौते के दौरान, वे (कांग्रेस) PoK के बारे में भूल गए। अगर उन्होंने उस समय PoK ले लिया होता, तो हमें अब वहां शिविरों पर हमले नहीं करने पड़ते।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “एक संयुक्त ऑपरेशन महादेव में, भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया है।””कल के ऑपरेशन में तीनों आतंकवादी – सुलेमान, अफगान और जिबरान मारे गए। जो लोग उन्हें खाना पहुंचाते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों द्वारा हिरासत में रखे गए लोगों ने उनकी पहचान की।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन महादेव पर कहा, “… ऑपरेशन महादेव में सुलेमान उर्फ फैजल… अफगान और जिबरान, ये तीनों आतंकवादी भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए… सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का कमांडर था। अफगान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का आतंकवादी था। और जिबरान भी ए-ग्रेड का आतंकवादी था… बैसरन घाटी में जिन्होंने हमारे नागरिकों को मारा था, वह ये तीनों आतंकवादी थे और तीनों मारे गए।

अमित शाह ने कहा, “पहलगाम हमले के तुरंत बाद, मैंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी। मैंने अपने सामने एक महिला को खड़ा देखा, जो अपनी शादी के 6 दिन बाद ही विधवा हो गई थी – मैं उस दृश्य को कभी नहीं भूल सकता। मैं आज सभी परिवारों को बताना चाहता हूं कि मोदी जी ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए उन लोगों को भेजने वालों को मारा, और आज हमारे सुरक्षा बलों ने उन लोगों को भी मारा जिन्होंने हत्याएं की थी।”
शाह ने कहा, “…NIA ने उन्हें शरण देने वालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें खाना पहुंचाने वालों को हिरासत में लिया था। जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर पहुंचे, तो उनकी पहचान पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले तीन लोगों के रूप में हुई… आतंकी हमले के कारतूसों की FSL रिपोर्ट पहले से ही तैयार थी… कल तीनों आतंकवादियों की राइफलें जब्त कर ली गईं और उनका FSL रिपोर्ट से मिलान किया गया… कल चंडीगढ़ में आगे की जांच की गई, उसके बाद पुष्टि हुई कि ये तीनों वही थे जिन्होंने आतंकी हमला किया था
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कल वे (कांग्रेस) हमसे पूछ रहे थे कि आतंकवादी कहां से आए और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। बेशक, यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हम सत्ता में हैं। मुझे बहुत दुख हुआ कि कल इस देश के पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम जी ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे। वे क्या कहना चाहते हैं? किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान को बचाकर आपको क्या मिलेगा?”ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को भेजने वालों को मार गिराया और ऑपरेशन महादेव ने हमला करने वालों को मार गिराया… मुझे लगा था कि यह खबर सुनकर सत्ताधारी और विपक्षी दलों में खुशी की लहर दौड़ जाएगी, ‘मगर स्याही पड़ गई इनके चेहरे पर’… यह कैसी राजनीति है?
अमित शाह ने कहा, “…कल गौरव गोगोई ने कहा कि मोदी जी 24 अप्रैल को पहलगाम की बजाय बिहार गए थे। पहलगाम हमले के समय मोदी जी विदेश में थे। जिस दिन मोदी जी बिहार गए, उस दिन पहलगाम में सिर्फ़ राहुल गांधी थे और कोई नहीं…अगर देश के नागरिकों पर ऐसा हमला होता है तो प्रधानमंत्री का कर्तव्य है कि वे इसका करारा जवाब दें.
अमित शाह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद, हमारे DGMO ने पाक DGMO को बताया कि भारत ने आत्मरक्षा के अपने अधिकार के तहत उनकी जमीन पर आतंकी ढांचे पर हमला किया है। यह मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान जैसा हुआ वैसा नहीं हो सकता कि आतंकवादी आएं और हमें मार दें और हम चुपचाप बैठे रहें
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “आज चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में है और भारत नहीं है। मोदी जी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हिस्सा बने। इसके लिए जवाहरलाल नेहरू का रुख जिम्मेदार है… जब हमारे जवान डोकलाम में चीनी सैनिकों का सामना कर रहे थे, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ बैठक कर रहे थे… चीन के लिए यह प्रेम जवाहरलाल नेहरू, सोनिया गांधी, राहुल गांधी से तीन पीढ़ियों तक चला आ रहा है।