2 अप्रैल 2014 को जमीन के विवाद में आरोपी बैजनाथ ने चाकू से अपने सगे भाई और भतीजी को मौत के घाट उतार दिया था. मामले में मृतक के दूसरे भाई राजेंद्र चौधरी ने थाना पुरन्दरपुर पर मुकदमा संख्या और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को साक्ष्य के रूप में कोर्ट में उपलब्ध कराया.
महराजगंज. उत्तर प्रदेश के महराजगंज के मानिक का तालाब गांव में हुई पिता और नाबालिग बेटी की हत्या मामले में कोर्ट का फैसला आया है. निर्मम हत्या के मामले में अपर जनपद के न्यायधीश ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी बैजनाथ को फांसी की सजा सुनाई है. मृतक के भाई ने अदालत में 10 साल पहले थाने में दर्ज केस संख्या और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया था.
बताया जा रहा है 2 अप्रैल 2014 को जमीन के विवाद में आरोपी बैजनाथ ने चाकू से अपने सगे भाई और भतीजी को मौत के घाट उतार दिया था. मामले में मृतक के दूसरे भाई राजेंद्र चौधरी ने थाना पुरन्दरपुर पर मुकदमा संख्या और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को साक्ष्य के रूप में कोर्ट में उपलब्ध कराया. मृतक के भाई ने कहा हत्यारोपी हैवान बैजनाथ ने अपने भाई कबीर चौधरी पर 79 बार चाकुओं से गोदा था. वहीं, उसने अपनी भतीजी ज्ञान्ति को 73 बार चाकुओं से हमला बोलकर मौत के घाट उतारा था.
पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर कुल 14 गवाहों के साथ चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया था. शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र पांडे ने बताया की इस जघन्य हत्याकांड में लगातार प्रयास कर कुल दस गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया था. दस वर्ष बाद आए इस फैसले में आरोपी बैजनाथ को अपने सगे भाई और भतीजी की निर्मम हत्या का दोषी करार देते हुए अपर जनपद न्यायधीश ने फांसी की सजा सुनाई है. इसके अलावा दो लाख पच्चीस हजार रुपए अर्थदंड की भी सजा आरोपी बैजनाथ के ऊपर लगाया गया है.