चंडीगढ़ : देश के छोटे शहरों में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले बड़ी संख्या में छात्र आज भी करियर को लेकर असमंजस में हैं। डिग्री पूरी करने के बाद भी उन्हें यह स्पष्ट नहीं हो पाता कि आगे किस दिशा में बढ़ें। करियर से जुड़े विकल्पों की जानकारी का अभाव, मेंटरशिप की कमी और आर्थिक सीमाएं इस समस्या को और गहरा कर रही हैं। खासतौर पर असंगठित और वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के सामने यह चुनौती ज्यादा बड़ी है।

क्रैक एकेडमी के फाउंडर और सीईओ नीरज कंसल का कहना है कि छोटे शहरों के छात्रों में काबिलियत और आगे बढ़ने की इच्छा होती है, लेकिन सही दिशा और जानकारी की कमी रहती है। उनका कहना है कि अगर काउंसलिंग, स्किल डेवलपमेंट और आर्थिक सहयोग समय पर मिले, तो ये छात्र आत्मविश्वास के साथ बेहतर करियर बना सकते हैं।

