
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी (अजित पवार गुट) के दो मंत्रियों पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। एनसीपी (शरद पवार गुट) की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले ने इस पूरे मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि इन घटनाओं को लेकर दिल्ली तक सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि ऐसे विवाद महाराष्ट्र की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं और यह स्थिति राज्य के लिए ठीक नहीं है।
सुप्रिया सुले ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार में शामिल बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में लोग उनसे पूछ रहे हैं कि “महाराष्ट्र में एक और मंत्री का विकेट गिर गया क्या?” उनके मुताबिक, इस तरह की चर्चाएं राज्य की साख को कमजोर करती हैं और जनता के बीच गलत संदेश जाता है।
पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि किसानों को लेकर दिए गए बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि कोकाटे फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें बेहतर इलाज मिलना चाहिए, यह प्राथमिकता होनी चाहिए।
मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने के मुद्दे पर सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि यह फैसला गलत है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे न सिर्फ प्रतीकात्मक नुकसान होगा, बल्कि भविष्य में राज्यों को मिलने वाली फंडिंग और गरीबों से जुड़ी योजनाओं पर भी असर पड़ सकता है।
एनसीपी (अजित पवार गुट) और शरद पवार गुट के संभावित गठबंधन पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर फैसला स्थानीय नेता ही करेंगे। उन्होंने दोहराया कि इस विषय पर अंतिम निर्णय जमीनी स्तर पर लिया जाएगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े बुर्का विवाद पर सुप्रिया सुले ने संतुलित रुख अपनाते हुए कहा कि पहनावा और परंपराएं हर परिवार का निजी मामला होती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर विवाद खड़ा होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

