
दिल्ली-एनसीआर में AQI में हल्का सुधार आने पर CAQM ने GRAP-3 के तहत लागू पाबंदियां हटा दी हैं। प्रदूषण स्तर 400 से नीचे आने पर निर्माण कार्यों पर रोक, वर्क फ्रॉम होम और स्कूलों के हाइब्रिड मोड जैसे सख्त नियमों में ढील दी गई है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि अब दिल्ली में सभी गतिविधियों की पूरी छूट मिल गई है। वायु गुणवत्ता अभी भी खराब श्रेणी में है, इसलिए GRAP-1 और GRAP-2 के प्रतिबंध पहले की तरह लागू रहेंगे।
कब लागू होता है GRAP-3?
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP सिस्टम चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाता है। प्रदूषण स्तर बढ़ने पर GRAP-1 से लेकर GRAP-4 तक अलग-अलग नियम लागू होते हैं। जब AQI 400 के ऊपर पहुंच जाता है, तब GRAP-3 लागू किया जाता है, जबकि 450 के पार जाने पर GRAP-4 लग जाता है।
स्कूल और कॉलेज हाइब्रिड मोड में संचालित किए जाते हैं।
BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाले लाइट मोटर वाहनों का दिल्ली में प्रवेश बंद।
डीजल इंटर-स्टेट बसें, टूरिस्ट परमिट बसें और टेंपो ट्रैवलर्स पर रोक।
निर्माण व विध्वंस (डिमोलिशन) गतिविधियों पर पूरी तरह रोक।
सीमेंट, रेत और फ्लाई ऐश जैसी धूल फैलाने वाली सामग्रियों का परिवहन सीमित।
सरकारी व निजी दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम।
दिल्ली में अभी भी जारी रहेंगे ये नियम
भले ही GRAP-3 हटा दिया गया है, लेकिन दिल्ली में सभी पाबंदियां खत्म नहीं हुई हैं। वायु गुणवत्ता अभी भी खराब स्तर पर है, इसलिए GRAP-1 और GRAP-2 के कई नियम लागू रहेंगे। इनके तहत इन गतिविधियों पर रोक या सख्ती जारी रहेगी—
- होटल और रेस्टोरेंट में कोयला व लकड़ी का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
- पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर कड़ी निगरानी जारी रहेगी।
- कुछ औद्योगिक गतिविधियां सीमित रहेंगी और कई उद्योग बंद रहेंगे।
- निर्माण कार्यों पर रोक जारी है, साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर निर्माण सामग्री जमा करना भी मना है।
- कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट बंद रहेंगे।
- खुले में कूड़ा जलाना सख्त रूप से प्रतिबंधित है और यह दंडनीय अपराध है।

