Delayed Conception: मां बनने के लिए महिलाओं को काफी चीजों का ख्याल रखना होता है. चलिए आपको बताते हैं कि महिलाओं को किन चीजों को अवॉइड करना चाहिए, ताकि मां बनने में कोई दिक्कत न हो.

Impact Of Junk Food On Fertility: फर्टिलिटी का मतलब है कि शरीर की नेचुरल क्षमता गर्भधारण करने और संतान पैदा करने की. उम्र, जेनेटिक्स और कई मेडिकल समस्याएं इसका असर तय करती हैं. कई कारण हमारे हाथ में नहीं होते, लेकिन कुछ आदतें और लाइफस्टाइल चॉइस ऐसी होती हैं, जिन्हें बदलकर इनफर्टिलिटी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है. यह वह स्थिति है जब कोई महिला एक साल तक नियमित और बिना किसी सुरक्षा के संबंध बनाने के बावजूद गर्भधारण नहीं कर पाती. अधिकतर मामलों में कोई अलग लक्षण दिखाई नहीं देते. आज कई तरह के इलाज जैसे हार्मोन थेरेपी, IVF आदि उपलब्ध हैं, लेकिन सबसे अच्छा तरीका है कि उन कारणों को कंट्रोल किया जाए जो इनफर्टिलिटी का जोखिम बढ़ाते हैं.
महिलाओं में इनफर्टिलिटी बढ़ाने वाले जोखिम कारक
कुछ महत्वपूर्ण कारण जो गर्भधारण की क्षमता को कमजोर करते हैं, जिसमें-
उम्र- 35 वर्ष के बाद प्रजनन क्षमता तेजी से गिरने लगती है.
स्मोकिंग- धूम्रपान न सिर्फ इनफर्टिलिटी बढ़ाता है, बल्कि गर्भपात का खतरा भी दोगुना करता है.
मोटापा- अधिक वजन हार्मोन बैलेंस बिगाड़ देता है और गर्भधारण मुश्किल बना देता है.
अल्कोहल- नियमित शराब सेवन भी फर्टिलिटी को प्रभावित करता है.
डाइट- पोषक तत्वों की कमी या ईटिंग डिसऑर्डर गर्भधारण में रुकावट बनते हैं.
तनाव- बहुत अधिक मानसिक और शारीरिक तनाव से प्रजनन क्षमता कमजोर पड़ती है.
फास्ट फूड और फर्टिलिटी
इन सभी कारणों को देखकर साफ है कि फास्ट फूड महिलाओं की फर्टिलिटी पर बुरा असर डालता है. लगातार फास्ट फूड खाने से वजन बढ़ता है और शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है. अडिलेड यूनिवर्सिटी की 5600 महिलाओं पर हुई स्टडी में पाया गया कि जो महिलाएं नियमित फास्ट फूड खाती थीं, उनमें इनफर्टिलिटी का जोखिम 8 प्रतिशत से बढ़कर 16 प्रतिशत हो गया. यानी गर्भधारण में समय भी ज्यादा लगता है और शरीर की सेहत भी लगातार कमजोर होती जाती है.
गर्भावस्था में फास्ट फूड खाने के खतरे
गर्भधारण के बाद भी फास्ट फूड कई तरह के जोखिम पैदा करता है:
बच्चे में जेनेटिक का खतरा बढ़ता है.
असमय प्रसव का जोखिम.
जन्म दोष की संभावना बढ़ जाती है.
मां का वजन बढ़ने से मिसकैरेज और स्टिलबर्थ का खतरा.
बच्चे में एलर्जी और अस्थमा का खतरा.
गेस्टेशनल डायबिटीज का बढ़ा हुआ जोखिम.
प्रोसेस्ड मीट
सॉसेज, बेकन, हॉट डॉग जैसे प्रोसेस्ड मांस पुरुषों और महिलाओं, दोनों की प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं. गर्भधारण की कोशिश कर रही महिलाओं के लिए ये चीजें पूरी तरह से छोड़ देना ही बेहतर है. इन मांस उत्पादों में हानिकारक फैट के साथ-साथ नाइट्रेट और नाइट्राइट जैसे प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो शरीर के हार्मोनल संतुलन और प्रजनन क्षमता को कमजोर करते हैं.

