सेबी चेयरमैन ने डिजिटल गोल्ड में निवेश करने वालो को सर्तक किया हैं. सेबी ने स्पष्ट शब्दों में कहा हैं कि, डिजिटल गोल्ड में निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए.

Digital Gold Investment Risk: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने डिजिटल गोल्ड में निवेश करने वालो को सर्तक किया हैं. सेबी ने स्पष्ट शब्दों में कहा हैं कि, डिजिटल गोल्ड को न तो सिक्योरिटी माना जाता है और न ही ये कमोडिटी डेरिवेटिव्स के दायरे के अंतर्गत आता है.
सेबी के अनुसार, अगर किसी प्लेटफॉर्म का डिफॉल्ट होता है, तो ऐसी स्थिति में सेबी के पास निवेशकों को सुरक्षित रखने का कोई साधन नहीं हैं. सेबी ने डिजिटल गोल्ड में निवेश करने वालो को पूरी सावधानी बरतनी की नसीहत दी है.
सेबी ने जारी किया बयान
चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने नेशनल कॉन्क्लेव ऑन REITs एंड InvITs–2025 में जानकारी दी कि, डिजिटल गोल्ड इंडस्ट्री को सेबी रेगुलेट नहीं करती हैं. हालांकि, इसकी मांग काफी समय से की जा रही है. उन्होंने निवेशकों से कहा कि, डिजिटल गोल्ड में निवेश करते समय प्लेटफॉर्म और उसकी शर्तों की पूरी जानकारी जरूर लेनी चाहिए.
सेबी फिलहाल गोल्ड ETF और ट्रेडेबल गोल्ड सिक्योरिटीज में किए गए गोल्ड निवेश को रेगुलेट करती हैं. इन दोनों में किया गया निवेश सेबी के दायरे में आते हैं.
क्या है डिजिटल गोल्ड?
डिजिटल गोल्ड के तहत सोने की फिजिकली खरीदारी नहीं की जाती है. यह पूरी तरह से सोने का डिजिटल रुप होता है. भारत में अलग-अलग प्लेटफॉर्म जैसे पेटीएम, फोन पे, गूगल पे निवेशकों को डिजिटल गोल्ड में निवेश की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं. आंकड़ों की बात करें तो, 2021 में डिजिटल गोल्ड का मार्केट 5,000 करोड़ रुपए का था, जो अब बढ़कर करीब 13,800 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.

