No menu items!
Tuesday, November 18, 2025
spot_img

Latest Posts

Bihar Election Result 2025: विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद क्या राज्यपाल रोक सकते हैं शपथ? जानें संवैधानिक अधिकार

Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद सरकार गठन पर चर्चा तेज हो गई है। एनडीए ने स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठ रहा है—क्या राज्यपाल किसी नेता को शपथ लेने से रोक सकता है, भले ही वह पहले ही विधायक दल का नेता चुना जा चुका हो? आइए समझते हैं इसका पूरा संवैधानिक आधार।

राज्यपाल की भूमिका क्या कहती है?
संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार, जब कोई पार्टी या गठबंधन स्पष्ट बहुमत ले आता है, तो राज्यपाल की भूमिका लगभग औपचारिक रह जाती है। राज्यपाल को बहुमत दल द्वारा चुने गए नेता को ही मुख्यमंत्री नियुक्त करना अनिवार्य होता है। इस प्रक्रिया में राज्यपाल की व्यक्तिगत पसंद, राय या संतुष्टि का कोई स्थान नहीं रहता। जैसे ही नेता बहुमत का समर्थन साबित कर देता है, राज्यपाल उसके शपथ ग्रहण को रोक नहीं सकते।

कब काम आता है राज्यपाल का विवेकाधिकार?
यदि चुनाव परिणाम अस्पष्ट हों और कोई भी दल पूर्ण बहुमत न ला पाए, तभी राज्यपाल विवेकाधिकार का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी स्थिति में वे यह परखते हैं कि किस नेता के पास स्थिर सरकार बनाने की सबसे अधिक संभावना है। लेकिन बहुमत वाले दल को राज्यपाल अनदेखा नहीं कर सकते।

कब रोकी जा सकती है शपथ?
राज्यपाल केवल अपवादस्वरूप स्थिति में ही शपथ ग्रहण रोक सकते हैं—जब चुने गए नेता पर कानूनी रूप से ऐसी अयोग्यता लागू हो जो उसे विधायक या मुख्यमंत्री बनने से रोकती हो। जैसे:

  • किसी अपराध में दोषसिद्धि और सजा
  • लाभ का पद धारण करना
  • अदालत द्वारा दिवालिया या मानसिक रूप से अक्षम घोषित किया जाना
  • विधानसभा का सदस्य न होना या छह महीने के भीतर सदस्यता साबित न करना

इन स्थितियों को छोड़कर राज्यपाल किसी विधायक दल के चुने हुए नेता को शपथ लेने से नहीं रोक सकते।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.