Bihar Exit Poll 2025: गोपालगंज की 6 सीटों पर रोमांचक मुकाबला, एनडीए को बढ़त — महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ीं!

Bihar Exit Poll 2025: गोपालगंज में दिलचस्प सियासी मुकाबला, 3 सीटों पर कांटे की टक्कर!
गोपालगंज जिले की राजनीति इस बार बेहद दिलचस्प हो गई है। एबीपी बिहार एक्सपर्ट एग्जिट पोल 2025 के अनुसार, जिले की 6 विधानसभा सीटों में से एनडीए को 2, महागठबंधन को 1 सीट मिलती दिख रही है, जबकि 3 सीटों पर कड़ा मुकाबला बना हुआ है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार गोपालगंज में जातिगत समीकरणों से ज्यादा असर स्थानीय मुद्दों, विकास कार्यों और महिलाओं के वोट बैंक ने दिखाया है। ऐसे में नतीजे किस करवट बैठेंगे, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा।
गोपालगंज में कांग्रेस का पलड़ा भारी
गोपालगंज सीट पर इस बार मुकाबला काफी रोचक नजर आ रहा है। राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार अभय का मानना है कि इस बार कांग्रेस का पलड़ा कुछ भारी दिख रहा है। उनका कहना है कि पिछले 20 सालों से बीजेपी का कब्जा रहने के बावजूद क्षेत्र में विकास की रफ्तार धीमी रही है।
संजय कुमार अभय के मुताबिक, कांग्रेस प्रत्याशी ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, जिससे पारंपरिक तौर पर बीजेपी के साथ रहने वाला ब्राह्मण वोट बैंक अब कांग्रेस की ओर शिफ्ट होता दिख रहा है।
गोपालगंज की 6 सीटों का पार्टीवार बंटवारा-
एबीपी बिहार एग्जिट पोल 2025 के अनुसार, जदयू को 2 और राजद को 1 सीट मिलती दिख रही है। वहीं बैकुंठपुर, गोपालगंज और कुचाईकोट विधानसभा सीटों पर मुकाबला बेहद कड़ा बना हुआ है।
स्थानीय स्तर पर बीजेपी के बागी उम्मीदवार अनूप श्रीवास्तव ने भी वोटों में सेंध लगाई है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
वरिष्ठ पत्रकार मनीष भारती का कहना है कि महिलाओं को मिले सरकारी लाभ और विकास योजनाओं के कारण बीजेपी लगभग 5 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल कर सकती है।
वहीं वरिष्ठ पत्रकार बाल्मीकि मणि तिवारी ने बताया कि यहां 51-49 का करीबी मुकाबला देखने को मिल रहा है। उनके मुताबिक, बीजेपी में भले ही नाराजगी थी, लेकिन आख़िरी दौर में पार्टी कार्यकर्ता एकजुट हो गए।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट गोपाल मिश्रा ने हालांकि कांग्रेस को बढ़त दी है। उनका कहना है कि बसपा प्रत्याशी इंदिरा यादव को अपेक्षित समर्थन नहीं मिलने के कारण यादव और ब्राह्मण वोट कांग्रेस की ओर शिफ्ट हो गए हैं।
बरौली में राजद को जातीय समीकरण का फायदा
बरौली विधानसभा सीट पर इस बार राजद और जेडीयू के बीच सीधा मुकाबला देखा जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञ संजय कुमार अभय के अनुसार, यहां राजपूत वोट बीजेपी को नहीं मिला, जिससे राजद को फायदा हो रहा है। वहीं मुस्लिम और ब्राह्मण वोटर भी इस बार राजद के समर्थन में दिखाई दे रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार मनीष भारती का मानना है कि राजद यहां लगभग 10 हजार वोटों के अंतर से आगे रह सकती है। दूसरी ओर बाल्मीकि मणि तिवारी ने मुकाबले को कांटे की टक्कर बताया है।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट गोपाल मिश्रा ने कहा कि जातिगत समीकरण और उम्मीदवार की साफ-सुथरी छवि इस बार राजद के पक्ष में काम कर रही है।
बैकुंठपुर में राजद-बीजेपी के बीच बराबरी की टक्कर
बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर हालात इस बार उलझे हुए नजर आ रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ संजय कुमार अभय का मानना है कि बीजेपी को जीत का फायदा मिल सकता है, क्योंकि बसपा प्रत्याशी प्रदीप राय राजद के वोटों को काट रहे हैं।
वहीं, विशेषज्ञ मनीष भारती का कहना है कि राजद यहां जीत सकती है, लेकिन अंतर बहुत कम रहेगा।
राजनीतिक विश्लेषक बाल्मीकि मणि तिवारी ने कहा कि बीजेपी के प्रत्याशी का क्षेत्र में पहले भी काम करने का अनुभव और जीविका दीदियों को मिले 10 हजार रुपये का असर इस बार वोटिंग में दिख सकता है।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट गोपाल मिश्रा ने बताया कि दोनों दलों के बीच लगभग 50-50 मुकाबला है और वास्तविक वोटर अभी चुप हैं, इसलिए नतीजा फिलहाल अनुमान लगाना मुश्किल है।’
हथुआ में विकास के नाम पर जेडीयू को बढ़त
हथुआ विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला जेडीयू और राजद के बीच है। राजनीतिक विशेषज्ञ संजय कुमार अभय का मानना है कि इस बार नीतीश सरकार के किए गए विकास कार्यों का असर दिखेगा और जेडीयू जीत की तरफ बढ़ सकती है।
हालांकि, पॉलिटिकल एक्सपर्ट मनीष भारती ने कहा कि ब्राह्मण वोटर्स की नाराजगी के कारण राजद का पलड़ा भी मजबूत है।
विशेषज्ञ बाल्मीकि मणि तिवारी और गोपाल मिश्रा का कहना है कि क्षेत्र में किए गए विकास कार्य, गैस प्लांट और औद्योगिक परियोजनाओं की वजह से जेडीयू को बढ़त मिल सकती है, लेकिन अंतर काफी कम रहेगा।
भोरे में मंत्री सुनील कुमार के विकास मॉडल पर भरोसा
भोरे विधानसभा सीट पर मौजूदा जेडीयू मंत्री सुनील कुमार इस बार भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ संजय कुमार अभय का कहना है कि क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना और महिलाओं के लिए योजनाओं का असर मतदान पर दिखेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जनसुराज की प्रीति किन्नर शुरुआत में प्रभावी थीं, लेकिन अंत में वोट उनके पक्ष से खिसक गए।
विशेषज्ञ मनीष भारती और बाल्मीकि मणि तिवारी का मानना है कि जेडीयू लगभग 5 हजार वोटों के अंतर से जीत सकती है। हालांकि, माले प्रत्याशी की मौजूदगी के कारण कुछ वोट बिखराव भी हुआ है।

