
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण ने आंखों की समस्याओं को गंभीर रूप दे दिया है। दिवाली के बाद से हवा में घुली धूल, धुआं, रासायनिक कण और जहरीली गैसों का स्तर बेहद खतरनाक हो गया है, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। इस जहरीली हवा के चलते लोग विभिन्न बीमारियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें गले में खराश, सांस फूलना, सीने में दर्द और सबसे ज्यादा आंखों की परेशानी शामिल है। नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली और गुरुग्राम के बड़े अस्पतालों में रोजाना सैकड़ों लोग आंखों में जलन, खुजली, लालपन और पानी आने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण आंखों की ऊपरी परत यानी कॉर्निया को नुकसान पहुंचाते हैं और लंबे समय तक एक्सपोज़र होने पर रेटिना तक प्रभावित हो सकता है। पहले दिवाली के बाद हल्की जलन की शिकायतें आती थीं, लेकिन इस बार प्रदूषण इतना गंभीर है कि रोजाना 300-400 मरीज सिर्फ आंखों की समस्या लेकर आते हैं। इसमें बच्चे, जवान और बुजुर्ग सभी शामिल हैं।
प्रदूषण में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और PM2.5 जैसे छोटे कण आंखों में घुसकर जलन, खुजली और लालपन पैदा करते हैं। बार-बार आंखें रगड़ने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, वहीं बच्चों और बुजुर्गों की आंखों की स्थिति पहले से खराब होने के कारण उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। लंबे समय तक ऐसे प्रदूषित माहौल में रहने से मोतियाबिंद या ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारियां भी विकसित हो सकती हैं।
बचाव के लिए डॉक्टर कुछ जरूरी उपाय सुझा रहे हैं: घर से कम निकलें, दिन में 2-3 बार आंखें साफ पानी से धोएं, खूब पानी पिएं, बाहर निकलते समय सनग्लासेस और N95 मास्क पहनें, हाथ साफ रखें, हरी सब्जियां और फल खाएं, और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से लुब्रिकेंटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।

