
आर्मी जनरल vs डीजीपी: जिम्मेदारी, शक्ति और सैलरी में अंतर
आर्मी जनरल और डीजीपी देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले दो शीर्ष पद हैं, लेकिन इनके कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारियां अलग हैं।
आर्मी जनरल
आर्मी जनरल देश की सीमाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रमुख अधिकारी होता है। वह सेना का संचालन करता है, युद्ध की तैयारियों और आतंकवाद जैसी स्थितियों से निपटता है। आर्मी जनरल सीधे राष्ट्रपति और रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं और सामरिक निर्णयों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
डीजीपी (Director General of Police)
डीजीपी राज्य की आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था का शीर्ष अधिकारी होता है। वह राज्य सरकार, गृह सचिव और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करता है। डीजीपी राज्य में अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था बनाए रखना और पुलिस बल का संचालन करता है। उनकी जिम्मेदारी केवल अपने राज्य तक सीमित होती है।
कौन है ज्यादा शक्तिशाली?
दोनों पद महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आर्मी जनरल को डीजीपी के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है, क्योंकि वह पूरे देश की सुरक्षा और सामरिक निर्णयों के लिए जिम्मेदार होता है, जबकि डीजीपी की जिम्मेदारी केवल एक राज्य तक सीमित है।
सैलरी और भत्ते
- आर्मी जनरल: मासिक 2.5 लाख रुपये, सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षा, मेडिकल सुविधाएं और सेना कैंटीन का लाभ
- डीजीपी: मासिक 2.25 लाख रुपये, सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षा, मेडिकल सुविधाएं और पेंशन
दोनों पदों को उच्च स्तर की सरकारी सुविधाएं और पेंशन मिलती हैं, लेकिन कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारी के लिहाज से आर्मी जनरल को ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है।

