
दुनिया का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष देश कौन है और भारत की स्थिति क्या है?
धर्मनिरपेक्षता वह सिद्धांत है जो धर्म को एक निजी मामला मानता है और सुनिश्चित करता है कि धर्म राजनीति, संस्कृति या अर्थव्यवस्था में हस्तक्षेप न करे। कई देशों ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता को बढ़ावा देने के लिए धर्मनिरपेक्ष नीतियां अपनाई हैं।
दुनिया का सबसे धर्मनिरपेक्ष देश स्वीडन माना जाता है। यहां अधिकांश लोग लूथरन चर्च से जुड़े हैं, लेकिन धर्म अधिकतर सांस्कृतिक विरासत के रूप में देखा जाता है। शिक्षा, राजनीति और नीतियों में धर्मनिरपेक्षता की स्पष्टता बनी हुई है। इसी तरह, डेनमार्क और आइसलैंड जैसे देशों में भी धार्मिक परंपराएं मौजूद हैं, लेकिन जीवन के सामाजिक और कानूनी पहलुओं में धर्म का कम प्रभाव होता है।
संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्ष भारत का स्कोर दुनिया में 77.8 है, जो इसे शीर्ष धर्मनिरपेक्ष देशों की तुलना में पीछे रखता है। भारत धर्म और राज्य के बीच पूर्ण अलगाव की बजाय धार्मिक विविधता और स्वतंत्रता को कायम रखता है।
स्वीडन, डेनमार्क और आइसलैंड के उदाहरण बताते हैं कि कैसे मजबूत धार्मिक विरासत वाले देश भी शिक्षा, आर्थिक विकास और प्रगतिशील नीतियों के जरिए धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दे सकते हैं। भारत भी इस मार्ग पर है, लेकिन सांस्कृतिक परंपराओं के कारण संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण रहता है।

