
चीन, रूस या अमेरिका: किस देश के राष्ट्रपति की सैलरी है सबसे ज्यादा?
दुनिया की तीन सबसे ताकतवर महाशक्तियों—अमेरिका, रूस और चीन—के राष्ट्राध्यक्षों की न सिर्फ राजनीतिक ताकत के चर्चे होते हैं, बल्कि इनकी सैलरी और जीवनशैली भी सुर्खियों में बनी रहती है। हाल ही में अमेरिका के अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक मुलाकात ने लोगों के बीच यह सवाल फिर खड़ा कर दिया: इनमें से कौन सबसे ज्यादा वेतन पाता है? और क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इन दोनों से पीछे हैं?
व्लादिमीर पुतिन (रूस)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता है। क्रेमलिन द्वारा जारी किए गए आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, उनकी सालाना सैलरी करीब 1,40,000 अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 1.16 करोड़ रुपये है।
हालांकि, कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों का दावा है कि पुतिन की वास्तविक संपत्ति उनकी घोषित सैलरी से कहीं ज्यादा है। उनके पास लक्ज़री याच, प्राइवेट जेट्स, महंगी प्रॉपर्टीज और गाड़ियों का बड़ा कलेक्शन बताया जाता है, जिसकी कीमत अरबों में आंकी जाती है।
डोनाल्ड ट्रंप / अमेरिकी राष्ट्रपति
अमेरिकी राष्ट्रपति का पद सिर्फ सबसे ताकतवर नहीं, बल्कि सबसे महंगे पदों में भी शामिल है। अमेरिका में राष्ट्रपति को 4,00,000 अमेरिकी डॉलर सालाना वेतन दिया जाता है, जो भारतीय करेंसी में लगभग 3.32 करोड़ रुपये होता है।
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान उन्होंने यह सैलरी ली जरूर, लेकिन कई बार उन्होंने इसे चैरिटी में दान भी किया। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति को सरकारी आवास, सिक्योरिटी, ट्रैवल अलाउंस और कई सुविधाएं मिलती हैं, जिनका मूल्य करोड़ों में होता है।
शी जिनपिंग (चीन)
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में शामिल हैं, लेकिन उनकी आधिकारिक सैलरी बेहद कम है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें सालाना केवल 22,000 अमेरिकी डॉलर, यानी लगभग 18 लाख रुपये वेतन मिलता है।
यह आंकड़ा अमेरिका और रूस के मुकाबले बहुत ही कम है। हालांकि, यह भी माना जाता है कि चीन की शासन व्यवस्था और सरकारी सुविधाओं की प्रकृति के कारण, उनके पास बाकी ज़रूरी संसाधन पहले से ही मुहैया कराए जाते हैं।
निष्कर्ष
तीनों देशों की तुलना करें तो सबसे ज्यादा सैलरी अमेरिका के राष्ट्रपति को मिलती है, उसके बाद रूस और फिर चीन का नंबर आता है। हालांकि, यह सिर्फ “आधिकारिक वेतन” की तुलना है। इन नेताओं की वास्तविक संपत्ति, पॉवर और सुविधाएं इससे कहीं अधिक और बहुआयामी होती हैं, जो देश की नीतियों और राजनीतिक संरचना पर निर्भर करती हैं।