
अगरबत्ती और धूपबत्ती की खुशबू तो सुखद लगती है, लेकिन इसका धुआं सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। भारतीय परंपराओं में पूजा-पाठ और घर की शुद्धि के लिए अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाना आम है। इसकी खुशबू वातावरण को सकारात्मक बनाती है और मन को शांति देती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस धुएं को आप पवित्र मानते हैं, वही धीरे-धीरे आपकी सेहत को नुकसान पहुँचा सकता है?
डॉ. सेठी के अनुसार, इन उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले रसायन और सुगंधित तत्व जलने पर हानिकारक गैस छोड़ते हैं। इनमें carbon monoxide, benzene, formaldehyde जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो लगातार सांस में जाने पर फेफड़ों पर बुरा प्रभाव डालते हैं।
अगरबत्ती और धूपबत्ती का धुआं लंबे समय तक सांस में जाने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह सांस की बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा, धुएं में मौजूद रसायन त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, हार्ट पर दबाव बढ़ाते हैं और लगातार एक्सपोजर से कैंसर का खतरा भी हो सकता है।
हमारी धार्मिक आस्था और परंपराओं में धूपबत्ती का उपयोग गहराई से जुड़ा है, इसलिए इसे पूरी तरह बंद करना मुश्किल है। लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। घर में हवा आती-जाती रहनी चाहिए, रोजाना लंबे समय तक धूपबत्ती न जलाएं और बच्चों तथा बुजुर्गों के कमरे में इसका इस्तेमाल न करें।
अगर आप वातावरण को सुगंधित रखना चाहते हैं तो कुछ सुरक्षित विकल्प अपनाए जा सकते हैं। जैसे essential oils diffuser का प्रयोग, नैचुरल फूलों की खुशबू का उपयोग या नीम की पत्तियां और लौंग जलाना, जो कम हानिकारक माने जाते हैं।
अगरबत्ती और धूपबत्ती की खुशबू भले ही मन को सुकून देती हो, लेकिन इसका धुआं धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। सही जानकारी और सावधानी से आस्था और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। यदि आप अपने घर और परिवार की सुरक्षा चाहते हैं तो अब सही कदम उठाने का समय है।