2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने इतने समय तक बिहार और बिहार के पिछड़ा-अतिपिछड़ा को याद नहीं किया। कांग्रेस चुनाव के समय नाटक करने में लगी रहती है।

बिहार विधानसभा चुनाव (2025) से पहले, नेताओं के बीच एक-दूसरे पर वार-पलटवार की घोषणा हुई है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया कि एनडीए गठबंधन में आंतरिक कलह सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को मानसिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है, जिसे बढ़ा बोझ समझा जा रहा है। बीहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पत्रकारों से मिलकर कहा कि खरगे जी की स्थिति के बारे में वह कुछ कहना नहीं चाहते। उन्होंने यह भी कहा कि वह बिहार में हाल ही में एक बोधगम्य बयान दिया था, जिससे यह प्रतिकूल स्थिति उजागर हुई है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक पर क्या कहा जाना चाहिए?
राहुल गांधी पर दिलीप जायसवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के 70-80 साल के बाद सीडब्ल्यूसी की मीटिंग पटना में की. राहुल गांधी को इतने दिनों तक बिहार और बिहार के पिछड़ा-अतिपिछड़ा की याद नहीं आई. बिहार के लोग जानते हैं कि कांग्रेस चुनाव के समय झूठा वादा और नाटक करने का काम करती है. इतने दिनों तक कहां थे? आज इनको दलित और अतिपिछड़ों की याद आ रही है. ये सिर्फ वादा करते हैं, हम वादों को जमीन पर उतारने का काम करते हैं. भारतीय जनता पार्टी और एनडीए दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा के लिए काम करती रही है. आगे भी करती रहेगी.
बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने चुनावी मेनिफेस्टो के बारे में बताते हुए अतिपिछड़ा कार्ड खेला और कहा था कि हमारी सरकार बनेगी तो ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित किया जाएगा. अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा. आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.