अमृतसर, 23सितंबर –
रावी नदी में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए अमृतसर के सामाजिक संगठनों और मुस्लिम भाईचारे के नेताओं ने मिलकर राहत कार्य शुरू किया है। रविवार को मुस्लिम भाईचारे के आगू सारिक हुसैन और अल्पसंख्यक विभाग से जुड़े समाजसेवी डॉ. सुभाष थोबा ने मिलकर प्रभावित परिवारों को कुक्कर, गैस सिलेंडर, गैस चूल्हे, कंबल और बर्तन वितरित किए।

सारिक हुसैन ने कहा कि बाढ़ ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की जिंदगी में बहुत समस्याएं डाल दी है। उनके घरों में रोजमर्रा की चीजें खराब हो गईं हैं और इस स्थिति में लोगों को खाने-पीने और रहने की आवश्यक सुविधाओं की कमी महसूस हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि मुस्लिम भाईचारा सभी प्रभावित परिवारों के बीच एक साथ खड़ा है और सहायता कर रहा है।
डॉ. सुभाष थोबा ने कहा कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है और बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद करना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने यह भी कहा कि अमृतसर की संगत और विभिन्न संगठनों ने भाईचारे और एकता का उदाहरण पेश किया है। उनका लक्ष्य है कि हर पीड़ित परिवार तक आवश्यक सामग्री पहुंचे ताकि वे अस्थायी आवासों में भी सहानुभूति से जीवन जी सकें।

इस अवसर पर वसीम खान और सेदल हसन भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में अब भी कई परिवार हैं जिन्हें मदद की आवश्यकता है। इसलिए सभी समाजसेवियों और संगठनों को लगातार राहत पहुंचाने का निर्णय लेना चाहिए।
राहत सामग्री प्राप्त करने वाले परिवारों ने कहा कि बाढ़ में उनका सब कुछ नष्ट हो गया है, इसलिए कुकर, सिलेंडर, चूल्हा, और कंबल जैसी वस्तुएं उनके लिए बड़ी मदद साबित होंगी।
गौरतलब है कि रावी नदी में आई बाढ़ ने अमृतसर और आसपास के इलाकों में हजारों परिवारों को प्रभावित किया है। कई गांव अब भी जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। प्रशासनिक राहत के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक संगठनों की पहल से पीड़ित परिवारों को सहायता मिल रही है।

सारिक हुसैन और डॉ. थोबा ने बताया कि यह सेवा अभियान लगातार जारी रहेगा। आने वाले दिनों में और भी आवश्यक सामग्री जैसे राशन, दवाइयां और कपड़े बांटे जाएंगे। उन्होंने अमृतसर की जनता से अपील की कि इस मुश्किल घड़ी में आगे आकर बाढ़ प्रभावितों की मदद करें।
इस कार्यक्रम ने न केवल प्रभावित परिवारों को राहत दी, बल्कि अमृतसर में साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की परंपरा को भी और मजबूत किया।