जितिया 2025 का त्योहार आने वाला है, जिसमें 14 सितंबर को माताएं संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगी और 15 सितंबर को पारण करेंगी। इस दिन पारंपरिक व्यंजन बनाए जाएंगे और जीमूतवाहन को भोग चढ़ाया जाएगा।


जितिया के पारण के दिन, माताएं निर्जला उपवास के बाद अपने व्रत को खोलती हैं और इसे पूजा-पाठ के साथ समाप्त करती हैं। इस दिन विशेष पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं और जीमूतवाहन को प्रसाद के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। जानिए जितिया व्रत के पारण के दिन बनाए जाने वाले विशेष पकवान।

जिमीकंद की सब्जी- पारण वाले दिन अनेक प्रकार की सब्जियाँ और भाजियाँ बनाई जाती हैं, जिसमें जिमीकंद की सब्जी भी एक है। यह सब्जी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इसे बनाने के बाद सबसे पहले इसका भोग लगाया जाता है। इसके बाद व्रती माताएं और घर के अन्य सदस्य इसे ग्रहण करते हैं।

नोनी साग- जहाँ भी जितिया मनाई जाती है, वहाँ नोनी साग को बहुत महत्व दिया जाता है। इसे नहाने-धोने से लेकर पारण तक सभी दिनों में इसका सेवन किया जाता है। पारण के दिन नोनी साग बनाकर इसे जीमूतवाहन देवता को भोग लगाया जाता है।

अरबी की सब्जी- पारण के दिन लोग अरबी की सब्जी बनाते हैं. पारण की थाली इस सब्जी के बिना अधूरी मानी जाती है। कुछ जगह पर इसे कंदा भी कहा जाता है।

सतपुतिया की सब्जी – पारण की थाली में सतपुतिया की सब्जी अवश्य होती है। यह भोजन बहुत आसानी से पच जाता है और जितिया के पारण में सतपुतिया की सब्जी सभी जगह पर बनाई जाती है। इसे झिंगी भी कहा जाता है।

इन सभी के अलावा पारण की थाली में मटर या चने के साथ मिलाकर पुई या पोई साग भी बनाया जाता है. इसे मालाबार पालक के नाम से भी जाना जाता है, जोकि एक पत्तेतार सब्जी होती है. जितिया व्रत के उपवास के बाद अगले दिन माताएं जब ये चीजें खाती हैं तो उन्हें इन पौष्टिक आहार से ऊर्जा प्राप्त होती है और कमजोरी नहीं लगती.